'सदन में समान अवसर नहीं देने वालों को इतिहास माफ नहीं करेगा', धनखड़ पर सिब्बल का निशाना
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कपिल सिब्बल ने बताया कि जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राज्यसभा के 60 सदस्यों ने नोटिस पेश किया।
नई दिल्ली (आरएनआई) विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इतिहास उन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा जो सदन के कामकाज में समान अवसर नहीं देते हैं। पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी गुट ने मंगलवार को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में एक नोटिस पेश किया था। उनपर (धनखड़) सदन में पक्षपात करने का आरोप लगाया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राज्यसभा के 60 सदस्यों ने नोटिस पेश किया। लोकतंत्र की जननी के लिए यह बहुत ही दुखद दिन है। उन्होंने आगे कहा, इतिहास उन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा जो सदन के कामकाज में समान अवसर नहीं देते हैं।
अगर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने वाला प्रस्ताव लाया जाता है तो इसे पारित कराने के लिए विपक्षी गुट को बहुमत की आवश्यकता होगी। 243 सदस्यीय सदन में उनके पास आवश्यक संख्या नहीं हैं। विपक्षी गुट ने कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र के लिए लड़ने का एक मजबूत संदेश था।
विपक्षी दलों ने कहा कि राज्यसभा में सभापति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और धनखड़ से गैर पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है। इसके बजाय उन्होंने उस पद की प्रतिष्ठा को ही कम कर दिया। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव सीपी मोदी को मंगलवार को 60 विपक्षी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस सौंपा। इस नोटिस में कांग्रेस, राजद, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई-एम, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), आम आदमी पार्टी (आप), द्रमुक, समाजवादी पार्टी के सांसदों का हस्ताक्षर शामिल था। बता दें कि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति होता है।
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