सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार संत रामपाल जी महाराज

Jan 13, 2025 - 12:18
Jan 13, 2025 - 12:19
 0  378
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार संत रामपाल जी महाराज

गुना (आरएनआई) संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई वस्तु नहीं होती और यह ज्ञान केवल सच्चे संतों के सत्संग से ही प्राप्त होता है। ऐसा ज्ञान वही होता है जो शास्त्र प्रमाणित हो और मानव कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करे। वर्तमान समय में शास्त्र प्रमाणित ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने वाले महान संत, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का एक दिवसीय सत्संग जिला गुना के तहसील  बमोरी के  ग्रामफतेहगढ़ में और गुना तहसील के ग्राम बेरखेड़ी मे दिनांक 12 जनवरी 2025 को एलसीडी के माध्यम से आयोजित किया गया।

इस सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने वेद, गीता, बाइबल, कुरान और गुरु ग्रंथ साहिब का प्रमाण देकर आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने सत्संग में यह सिद्ध किया कि पूर्ण परमात्मा केवल कबीर साहेब जी हैं, जो लगभग 600 वर्ष पूर्व काशी में प्रकट हुए थे और अपने अनुयायियों के सामने सहशरीर सतलोक लौट गए थे। संत रामपाल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में बताया कि केवल शास्त्रानुकूल भक्ति करने से ही जीवात्मा के पाप कर्म समाप्त हो सकते हैं और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है।
*आयोजित सत्संग के दौरान, तहसील सेवादार संतोष दास ने बताया * कि
संत जी ने समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे शराब सेवन,मास नाच-गाना, चोरी, दहेज प्रथा आदि के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए इनसे दूर रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों में लिप्त व्यक्ति का पाप कर्म बढ़ता है और वह भक्ति मार्ग से भटक जाता है। साथ ही सत्संग के दौरान निशुल्क नामदीक्षा का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ग्रहण की। इसके साथ ही संत जी द्वारा लिखित धार्मिक पुस्तकों ‘जीने की राह’, ‘गीता तेरा ज्ञान अमृत’ और ‘ज्ञान गंगा’ का प्रचार-प्रसार भी किया गया। सत्संग के माध्यम से मानवता को शास्त्रानुकूल भक्ति का मार्ग अपनाने और पाखंड एवं आडंबर से दूर रहने की प्रेरणा दी गई।


Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow