'सत्तारूढ़ गठबंधन सोचता है, पैसे से जीते जा सकते हैं संबंध-चुनाव', लड़की बहिन योजना पर बोलीं सुले
महाराष्ट्र सरकार की लड़की बहिन योजना को लेकर बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि योजना स्वागत योग्य कदम हैं लेकिन पिछले 18-24 महीनों में महाराष्ट्र में अपराध बढ़ने के आंकड़ों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
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मुंबई (आरएनआई) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने सोमवार को 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना' को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मानती है कि संबंध और चुनाव पैसे से जीते जा सकते हैं।
इस योजना का उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले महीने राज्य के बजट में एलान किया था। योजना के तहत ढाई लाख रुपये से कम की वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं को वित्तीय मदद के रूप में 1500 रुपये दिए जाएंगे। सत्तारूढ़ सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना का जमकर प्रचार कर रही है।
सुले ने कहा, रिश्तों और लेन-देन के बीच एक अंतर होता है। सत्तारूढ़ गठबंधन को लगता है कि रिश्तों और चुनावों को पैसे से जीता जा सकता है। खून का रिश्ता और प्यार लेन-देन से अलग हैं। उन्होंने कहा, यह योजना लोकसभा चुनाव के नतीजों के कारण लायी गई है, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन ने खराब प्रदर्शन किया था।
बारामती से सांसद सुले ने कहा, योजना स्वागत योग्य कदम हैं लेकिन पिछले 18-24 महीनों में महाराष्ट्र में अपराध बढ़ने के आंकड़ों की अनदेखी नहीं की जा सकती। एकनाथ शिंदे सरकार जून 2022 से सत्ता में है।
राज्य में अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया ने कहा, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में किसी चेहरे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, सुप्रिया ने कहा, हम गठबंधन (जिसमें शिवसेना और कांग्रेस भी शामिल हैं) के तौर पर 288 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, एमवीए के सभी 31 लोकसभा सांसद विधानसभा चुनाव में अपने 288 उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ेंगे।
सुले ने कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाली रांकापा ने नाम और चुनाव चिह्न खोने के बाद काफी संघर्ष के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोग उनके साथ खड़े रहे। सच हमारे पक्ष में है। पिछले साल जुलाई में राकांपा के विभाजन के बाद दो गुटों के बीच चल रही कानूनी लड़ाई पर उन्होंने कहा, हमें अदालतों से उम्मीद है। सुले ने यह भी बताया कि वित्त विधेयक और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में भाषण देने के बाद उनके पति सदानंद सुले को पिछले हफ्ते आयकर विभाग का नोटिस मिला। उन्होंने कहा, क्या संयोग है कि लोकसभा में मेरे बोलने के बाद मेरे पति को आयकर विभाग का नोटिस मिला।
कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के हत्याकांड के बारे में पूछे जाने पर सुले ने घटना को जघन्य बताया और भरोसा जताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मामले में तेजी लाएंगी और सुनिश्चित करेंगी कि आरोपियों को न्याय के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और नागरिकों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
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