सख्त चेतावनी के बाद अदालत में पेश हुईं BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर
सख्त कार्रवाई की चेतावनी मिलने के बाद भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुंबई की विशेष अदालत में पेश हुईं। उन्होंने मामले में अपना अंतिम बयान दर्ज कराया।
मुंबई (आरएनआई) 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपना अंतिम बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई की विशेष अदालत में पेश हुईं। बता दें कि इससे पहले कई बार स्वास्थ्य कारणों की वजह से प्रज्ञा सिंह ठाकुर कोर्ट में पेश नहीं हुईं थीं। इसके बाद स्पेशल कोर्ट द्वारा चेतावनी जारी की गई थी कि अगर वे 25 अप्रैल से पहले कोर्ट में पेश नहीं हुईं तो सख्त कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है।
गुरुवार को भाजपा सांसद राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच किए गए मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने पेश हुईं। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि वह अभी भी अस्वस्थ हैं। इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने प्रश्न-उत्तर के प्रारूप में अपना बयान अदालत को सौंपा।
भाजपा सांसद ने कोर्ट से आवेदन किया कि उनकी हथेलियों की ताकत कमजोर हो गई है, इसलिए वे कागज पर हस्ताक्षर करने में असमर्थ हैं। भाजपा सांसद ने कहा ‘मुझे अदालत द्वारा मेरे बयान पर मेरे अंगूठे का निशान लगाने की अनुमति दी जाए।’ कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को इस बात की इजाजत दे दी।
प्रज्ञा ठाकुर समेत छह लोग भारतीय दंड संहिता गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, भारतीय शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अदालत फिलहाल आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है। अंतिम दलीलें दिए जाने से पहले ये अभियुक्तों के आखिरी बयान हैं और अब मामला फैसले के लिए बंद कर दिया गया है। विशेष अदालत के न्यायाधीश एके लाहोटी ने मामले में आगे के बयानों की रिकॉर्डिंग के लिए शुक्रवार का दिन तय किया है।
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में मुंबई से 200 किमी दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। पहले महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की जांच कर रही थी और बाद में इसे एनआईए को सौंपा गया था।
पिछले महीने विशेष अदालत ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था क्योंकि उस दौरान भी वे कोर्ट में पेश नहीं हुईं थीं। बाद में वे व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुईं, जिसके बाद वारंट रद्द कर दिया गया।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2X
What's Your Reaction?