संस्कृति विवि में विद्यार्थियों को खाने के विकारों के प्रति किया जागरूक
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ ह्यूमेनिटी एंड सोशल साइंसेज ने ‘अनियमित भोजन’ से होने वाले विकारों को लेकर साप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस साप्ताहिक कार्यक्र के दौरान ’ईटिंग डिसआर्डर’ पर वक्ताओं ने विद्यार्थियों को अनेक जानकारियां उपलब्ध कराकर उन्हें जागरूक किया। वहीं पोस्टर प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक किया गया।
इस उपयोगी साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन भिन्न-भिन्न गतिविधियो के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया गया। पहले दिन छात्र-छात्राओ से 'इटिंग डिसऑर्डर के विषय में बताया गया। दूसरे दिन क्विज रखा गया। तीसरे दिन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता रखी गयी फिर नाटक कराये गये। खाने के विकार पर एक वेबिनार का भी आयोजन किया गया इसमें पूजा कुलश्रेष्ठ 'मनोवैज्ञानी' अलीगढ़ ने खाने के विकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भोजन को अवशोषित होने से रोकने के लिए लोगों द्वारा किए जाने वाले उपाय जैसे, उल्टी करना आदि हैं। खाने के असामान्य व्यवहार को विकार मानने के लिए, यह आवश्यक है कि विकार किसी समयावधि तक जारी रहे और व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य और स्कूल या कार्यस्थल में काम करने की क्षमता को उल्लेखनीय नुकसान पहुँचाए या अन्य लोगों के साथ व्यक्ति के व्यवहार को नकारात्मक रूप से प्रभावित करे।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि डा. रजनीश त्यागी जी ने भोजन कब और क्यों और कितना खाना चाहिये व किस ऋतु में क्या खाना है, इस पर प्रकाश डाला। उऩ्होंने कहा कि हमारे देश भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही आहारशास्त्र की परम्परा चली आ रही है और हमें उसका पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे शरीर के अंग जैसे ही फल व सब्जी हैं, उनका सेवन करना चाहिए। जैसे दिमाग अखरोट जैसा है आँखें काली मिर्च, दिल बादाम व पेंक्रियाज का रंग जामुन जैसा है आदि को स्वस्थ रखने के लिए उन्ही फलों का सेवन करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन बीए तृतीय वर्ष के छात्र आनंद व फेजिया खान ने किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा भाषण, नाटक, गायन प्रस्तुत किए गए। बी.ए मनोविज्ञान के प्रथम बर्ष की छात्रा स्निग्धा ने भी भाषण देकर उपयोगी जानकारियां दीं । अर्न्तराष्ट्रीय छात्र-टिमोटी, हाओ, इयान ने अंग्रेजी में गाना प्रस्तुत किया। विषय से जुड़ी नाट्य प्रस्तुतियों में अंजली, उमा, इशिका, वेदिका, अनवी, शिवानी, पूजा, ज्योति, शुभी, चंदा, मुस्कान, महिमा, शिवांगी, दीपशिखा आदि छात्राओं ने खाने के विकार, प्रकार, प्रभाव व रोकथाम के विषय पर जागरुक किया। कार्यक्रम के अंत में संस्कृति स्कूल आफ ह्यूमेनिटी एंड सोशल साइंसेज की प्रमुख डॉ मोनिका अबरोल ने कुपोषण व खाने के विकार में अन्तर को समझाया व कार्यक्रम में सम्मिलित सभी शिक्षकों, छात्र-छात्राओं व एग्रीकल्चर प्रशिक्षणार्थियों के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में संकाय शिक्षिकायें डॉ उर्वशी शर्मा, अर्पिता नेमा, एलियाना और दाऊ दयाल शर्मा उपस्थित ने भी सहयोग दिया। साप्ताहिक कार्यक्रम का समापन रैली के साथ किया गया ।
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