संस्कृत दिवस पर बाबा सत्यनाथ देवभाषा सम्मान से बिजेथुआ महाबीरन धाम में सम्मानित की गई विभूतियां

Aug 30, 2023 - 20:14
Aug 30, 2023 - 20:14
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संस्कृत दिवस पर बाबा सत्यनाथ देवभाषा सम्मान से बिजेथुआ महाबीरन धाम में सम्मानित की गई विभूतियां
संस्कृत दिवस पर बाबा सत्यनाथ देवभाषा सम्मान से बिजेथुआ महाबीरन धाम में सम्मानित की गई विभूतियां

कादीपुर सुलतानपुर। (आरएनआई) के पावन धाम बिजेथुआ महावीरन में अघोर पीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर के अनुसांगिक संगठन बाबा सत्यनाथ विद्वत परिषद के तत्वाधान में श्रावणी पूर्णिमा संस्कृत दिवस पर हनुमदार्चन व सम्मान समारोह मठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चंण्डेश्वर कपाली बाबा के संरक्षण में आयोजित किया गया। आज आयोजित इस सम्मान समारोह में देव भाषा संस्कृत की उन्नति और प्रगति में योगदान देने वाली सामाजिक विभूतियों को सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह प्रख्यात साहित्यकार बाबा सत्यनाथ विद्वत परिषद के अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार पांडेय साहित्येंदु ने अध्यक्षता की। बतौर विशिष्ट अतिथि कादीपुर नगर पंचायत अध्यक्ष आनंद जायसवाल, पूर्व प्राचार्य व साहित्यकार हनुमान प्रसाद सिंह, समाजसेवी रणविजय सिंह के उपस्थिति में आयोजित किया गया। श्रीधाम अयोध्या के कथा व्यास पंडित मुकेश आनंद, श्रीधाम अयोध्या के ही पंडित दीपक शास्त्री, संस्कृत विद्यालय मरुई किशुनदासपुर के प्रधानाचार्य पंडित हरि दत्त दुबे, बैजलपुर महाविद्यालय के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य पंडित सनी त्रिपाठी अमरगढ़ प्रतापगढ़, बरवारीपुर कादीपुर के ज्योतिर्विद पंडित संतोष त्रिपाठी को सत्यनाथ मठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चंदेश्वर कपाली बाबा अतिथियों के साथ मिलकर अंगवस्त्रम शाल, बाबा सत्यनाथ देवभाषा सम्मान पत्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया। संस्कृत दिवस पर आयोजित बाबा सत्यनाथ देव भाषा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ के पीठाधीश्वर व कार्यक्रम के संरक्षक अवधूत उग्र चंडेश्वर कपाली बाबा ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत है इसलिए संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी कही जाती है। विश्व में संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जिसमें संपूर्ण ज्ञान और विज्ञान समाहित है। संस्कृत और संस्कृति मानव जीवन के लिए आवश्यक है। आदिकाल से आज तक सभी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने की क्षमता मात्र संस्कृत भाषा में है। आज संस्कृत दिवस के अवसर पर मेरी सबसे यही अपील है कि अपने व अपने आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित करना है तो संस्कृत का उन्नयन और संवर्धन करना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन श्याम चन्द्र श्रीवास्तव ने किया।कार्यक्रम के अंत में आए हुए सभी अतिथियों का आभार कार्यक्रम के संयोजक प्रवक्ता अजय बहादुर सिंह ने किया ।इस मौके पर विशाल भण्डारे का भी आयोजन आयोजित किया गया।इस अवसर पर पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी, ओशो सन्यासी आनंद प्रेम जी पटना ,राय अभिषेक रायबरेली। 
गौरव सिंह, सौरव सिंह, अभिमन्यु मौर्य, विजय गिरी, वेद प्रकाश पाठक, सानू पाठक पंडित अनुज शुक्ला, पंडित नीरज मिश्रा, सुरेंद्र बहादुर सिंह,भाजपा नेता मोहित सिंह,विपिन सिंह सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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