संसद में 'फेंगल' पर चर्चा की नहीं दी गई अनुमति, जिम्मेदारी से बच रहा केंद्र, सीएम स्टालिन का आरोप
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि संसद में सांसदों को तूफान के प्रभाव पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कि हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं रिपोर्ट भेजेंगे। लेकिन केंद्र अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है।
चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान 'फेंगल' के कहर बरपाने के बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में सांसदों को तूफान के प्रभाव पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई। स्टालिन ने कहा कि हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं रिपोर्ट भेजेंगे। लेकिन केंद्र अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। इसके बावजूद हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
यह बयान उन्होंने चेन्नई में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेता ए.के.पलानीस्वामी पर भी निशाना साधा और कहा कि अन्नाद्रमुक के नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं। लेकिन जनता जानती है कि राज्य सरकार की योजनाएं कितनी प्रभावी हैं। स्टालिन ने कहा, विपक्षी नेता पलानीस्वामी की एकमात्र जिम्मेदारी हम पर आरोप लगाना है। लेकिन लोग जानते हैं कि किस सरकार की कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी तरीके से लागू हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में बाढ़ और भारी बारि के बीच जिला अधिकारियों और राहत टीमों के काम की भी सराहना की। उन्होंने कहा, उप मुख्यमंत्री, मंत्री, जनप्रतिनिधि, समन्वय अधिकारी, जिला कलेक्टर और बचाव व राहत टीम पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं, ताकि सामान्य स्थिति बहाल हो सके। अधिकारियं को सभी जमीनी कार्यों को तुरंत पूरा करने की सलाह दी गई है।
स्टालिन ने यह भी आश्वासन दिया कि चक्रवात फेंगल से प्रभावित हर किसी को उचित मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें पशुधन, घरों और जीवन के नुकसान के लिए मुआवजा शामिल है। राहत प्रयासों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 18 बचाव टीमों के 493 सदस्य विभिन्न जिलों में बचाव कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विल्लुपरम जिले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की सात और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की आठ टीमों सहित कुल 15 टीमें राहत कार्यों में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि कुड्डालोर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 56 सदस्यीय टीम बचाव कार्यों में लगी हुई है, जबकि तिरुवन्नमलाई में एक 30 सदस्यीय टीम राहत कार्य कर रही है। तिरुवन्नमलाई में भूस्खलन वाले स्थान पर बचाव कार्य जारी हैं। प्रभावित स्थान पर सहायता के लिए आईआईटी के इंजीनियर्स को बुलाया गया है।
राहत शिविरों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों सात हजार से अधिक लोग 147 शिविरों में रह रहे हैं। खुल 147 राहत शिविर चालू हैं, जिनमें 7,776 लोग रह रहे हैं। उनके लिए भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति जैसी सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विल्लुपरम और कल्लाकुरिची जिलों का दौरा किया और वहां के नुकसान का निरीक्षण किया। इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा था, मैं निजी रूप से विल्लुपुरम और कल्लाकुरिची जिलों का दौरा कर रहा हूं, ताकि चक्रवात फेंगल के कारण हुए भारी नुकसान को देख सकूं और लोगों की मदद कर सकूं। चक्रवात फेंगल 30 नवंबर को तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर आया है। इसके कारण कई जिलों में भारी बारिश हुई और बाढ़ की समस्या आई है, जिससे लोग परेशान हैं। हालांकि, बचाव टीमें अभी भी फंसे हुए नागरिकों को निकालने के काम में जुटी हैं।
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