संसद परिसर में विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने की नारेबाजी
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर नाराजगी पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय ब्लॉक नेताओं ने संविधान की प्रति लेकर संसद और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं संविधान बचाने और तनाशाही बंद करो के नारे लगाए. संविधान की रक्षा हम करेंगे के नारे लगाए गए.
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर नाराजगी पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय ब्लॉक नेताओं ने संविधान की प्रति लेकर संसद और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं संविधान बचाने और तनाशाही बंद करो के नारे लगाए. संविधान की रक्षा हम करेंगे के नारे लगाए गए.
वहीं संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष सहयोग की उम्मीद जताई और कहा देश की जनता विपक्ष से नाटक और उपद्रव नहीं चाहती.
वहीं इससे पहले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र को लेकर मोदी संसद पहुंचे. उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बात की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "संसदीय लोकतंत्र में यह एक गौरवशाली दिन है...आजादी के बाद पहली बार शपथ ग्रहण समारोह हमारे अपने नए संसद भवन में हो रहा है. पहले यह पुराने संसद भवन में होता था. इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत करता हूं, उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देता हूं."
मोदी ने कहा, "...आज 18वीं लोकसभा की शुरुआत हो रही है. दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही भव्य और गौरवशाली तरीके से संपन्न हुआ... ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार देश की जनता ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है..."
पीएम ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में हमने हमेशा एक परंपरा को लागू करने का प्रयास किया है क्योंकि हमारा मानना है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है लेकिन देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए, हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को सबकी सहमति से और सबको साथ लेकर पूरा करें. हम संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं और निर्णयों को गति देना चाहते हैं."
उन्होंने कहा, "कल 25 जून है. 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था... अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके जो 50 साल पहले किया गया था. हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे. हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा करती है. मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए देश के आम नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा. लोग नाटक, उपद्रव नहीं चाहते. लोग नारे नहीं, सार्थकता चाहते हैं. देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में जीतकर आए सांसद आम आदमी की इन अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे..."
पीएम ने कहा, "देश की जनता ने हमें तीसरी बार मौका दिया है. ये बहुत बड़ी जीत है, भव्य जीत है. हमारी जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है... इसलिए मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं कि अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम पाएंगे"
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