संविधान दिवस के अवसर गरिमामय तरीके से आयोजित किया गया कार्यक्रम
गुना विधायक द्वारा भारत के संविधान की उद्देशिका का किया वाचन नगरपालिका गुना में संविधान दिवस के अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी।
गुना (आरएनआई) संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। भारतीय संविधान हमें हमारें अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन की सीख भी देता है। हम सबका दायित्व है कि संविधान का सम्मान करें तथा देश की एकता, अखंडता को अक्षुण्य बनाकर रखें। यह विचार गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने नगर पालिका गुना में आयोजित संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने भारत की संविधान उद्देशिका का वाचन किया कि हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य , बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता, सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। जिसे उपस्थित जनप्रतिनियों ने दोहराया।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सविता गुप्ता ने संविधान दिवस पर सभी को शुभकामनायें प्रेषित की,
इस दौरान नपा उपाध्यक्ष धर्म सोनी,कलेक्टर डॉ सतेंद्र सिंह नगर पालिका अधिकारी तेज सिंह, नपा के पार्षदगण उपस्थित रहे।
नगरपालिका गुना में संविधान दिवस के अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी
संविधान का प्रारूप 26 नवंबर 1949 को तैयार कर लिया गया था तथा 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया । संविधान निर्माण के लिए नौ समितियां गठित की गई थी। संविधान सभा के अध्यक्ष डा राजेन्द्र प्रसाद तथा प्रारूप समिति के अध्यक्ष डा भीमराव अंबेडकर थे।
संविधान के रचयिता डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी सहित महानुभवो के जीवन पर आधारित लघु फ़िल्म प्रदर्शित की गई भारतीय संविधान को तैयार करनें में तत्कालीन मध्यप्रदेश की कई विभूतियां नें अपना योगदान दिया।
इनमें बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सेठ गोविन्द दास, हरिसिह गौर, रविशंकर शुक्ल, भगवंतराव मण्डलोई, दादा धर्माधिकारी, बृजलाल बियानी, ठाकुर छेदीलाल, अवधेश प्रताप सिंह, शम्भूनाथ शुक्ल, रामसहाय तिवारी, मन्नूलाल द्विवेदी, विनायक सीताराम सरवटे, ब्रजनारायण, गोपीकृष्ण विजयवर्गीय, रामसहाय, कुसुमकान्त, राधावल्लभ विजयवर्गीय, सीताराम जाजू एवं मास्टर लाल सिंह, हरिविष्णु कामथ, फ्रैंक एंथनी, संविधान सभा के सदस्य थे। तत्कालीन मध्यप्रदेश के विदर्भ एवं वर्ष 2००० में बनें छत्तीसगढ राज्य तथा अन्य क्षेत्रों से भी कई महत्वपूर्ण विभूतियों नें संविधान सभा में योगदान दिया जिनमें घनश्यामसिंह गुप्ता, लक्ष्मण श्रवण भाटकर, पंजाबराव देशमुख, आर.के.सिधवा, रघुवीर, राजकुमारी अमृत कौर, हेमचन्द्र जग्गोबाजी खाण्डेकर एवं काज़ी सैयद करीमुद्दीन,शामिल थे
इनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी एवं लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया जिसका अवलोकन अतिथियों द्वारा किया गया।
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