संयमित जीवन आगे बढने में करता है मदद – डॉ. गुरचरण सिंह

विधार्थी जीवन दिव्य गुणों को भरने का ही जीवन – आदर्श दीदी 

May 19, 2024 - 19:31
May 19, 2024 - 19:31
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संयमित जीवन आगे बढने में करता है मदद – डॉ. गुरचरण सिंह

ग्वालियर (आरएनआई) प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग द्वारा माधवगंज के प्रभु उपहार भवन में आयोजित बाल व्यक्तित्व विकास शिविर के दूसरे और तीसरे दिन उपस्थित वक्ताओं में मुख्य रूप से केंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी, वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके डॉ. गुरचरण सिंह, पीएचई के पूर्व सब इंजीनियर बीके गुप्ता, ज्योति बंसल (जिला अध्यक्ष वैश्य महा सम्मलेन महिला इकाई), नीलम माहेश्वरी (सदस्य माहेश्वरी महिला मंडल), प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद एवं बीके महिमा बहन उपस्थित थीं।

कार्यक्रम में डॉक्टर गुरचरण सिंह ने सभी बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि आप जीवन में जो बनना चाहते है वह बन सकते है। इसके लिए अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ बातो पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जैसे पढ़ाई पर ध्यान देना, एकाग्रता से पढना, मोबाइल और टीवी से दूरी बनाकर रखना, पढ़ाई के समय पढ़ाई और खेल के समय खेल, साथ ही और बड़ों की आज्ञा का पालन करना। इस प्रकार से संयमित जीवन अपनाएंगे तो निश्चित ही हम आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को स्वस्थ्य रहने के लिए जंक फूड से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

कार्यक्रम में केंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे व्यक्तित्व के दो पहलु होते है। आन्तरिक और बाहरी। जितना हम बाहरी व्यक्तित्व को अच्छा बनाते है उतना ही आंतरिक व्यक्तित्व को अच्छा बनाना चाहिए तभी सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होगा। आपका मन यदि शक्तिशाली है। आपके जीवन में दिव्यगुणों की धारणा है। तो आप मान लीजिये कि आपको जीवन में आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। विधार्थी जीवन दिव्य गुणों से अपने को भरने की जीवन होती है। यदि अभी आपने अपने पर मेहनत कर ली तो पूरा जीवन आपका सुंदर रीति से बीतेगा। दीदी ने सभी को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में विस्तार से बताया साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया।

इसके साथ ही बीके प्रहलाद भाई ने नैतिक मूल्य को जीवन में धारण करने पर जोर दिया और खेल खेल में एक्टिविटी और कहानी के माध्यम से हर्षितमुखता, नम्रता, धैर्यता, ईमानदारी, सरलता जैसे गुणों का महत्व बताया। साथ ही प्रकृति सरंक्षण के लिए पेड़ लगाओ, सिंगल यूज़ प्लास्टिक को उपयोग बंद करने,  पानी बजाओ, विजली बजाओ और स्वच्छता जैसी मुख्य बातों पर बच्चों का ध्यान खिंचवाया। कार्यक्रम में ज्योति बंसल ने कहा कि बच्चों के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा जो शिविर लगाया गया यह बहुत ही सराहनीय है। बच्चो को नैतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिकता ज्ञान उनके जीवन में उन्नति की सीढ़ी बनेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित नीलम माहेश्वरी ने कहा कि यह भी अपने आप में एक बड़ी बात है कि निस्वार्थ भाव से सेवा करना बिना निःशुल्क बच्चो को इतने सुन्दर कैम्प में शामिल करना यह प्रभु प्रेमी आध्यात्मिक लोग ही कर सकते है। यहाँ आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। मैं सभी को सुंदर आयोजन की बधाई देती हूँ।

बीके गुप्ता जी ने कहा कि बाल्य अवस्था ही सीखने की अवस्था होती है यहाँ जो बीज आपके जीवन में डल गया, वही अंकुरित होना है। संस्थान को मै साधुबाद देता हूँ जो समय समय बच्चो के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस तरह के कैम्प आयोजित कर उनका शारीरिक, बौद्धिक विकास किया जाता है। इससे बच्चो के व्यवहारिक ज्ञान में बढ़ोतरी होगी और उनका जीवन बेहतर बनेगा।

इस अवसर पर बीके महिमा बहन ने भी अपने विचार रखे रखे। साथ ही कार्यक्रम में बीके पवन, बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके दीपा, बीके कंचन, बीके रीता ने बच्चो को शिक्षा प्रद एक्टिविटी और गेम खिलाये। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति  चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। कैम्प में लगभग 100 बच्चों ने भाग लिया।

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