संभल को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा, सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी
संभल को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा गया है। सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी की जा रही है। 24 नवंबर को हुए बवाल के बाद से संभल की सुरक्षा चाकचौबंद है। पुलिस लगातार निगरानी कर रही है।

संभल (आरएनआई) अतिसंवेदनशील श्रेणी में शामिल संभल शहर को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा है। इसके अलावा 1800 लोग पाबंद कराए गए हैं। यह कार्रवाई पुलिस-प्रशासन की ओर से लगातार एहतियाती तौर पर की जा रही है।
24 नवंबर को हुए बवाल के बाद चेते पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाई है। डीएम ने बताया कि शहर में पूरी तरह शांति व्यवस्था कायम है। पुलिस-प्रशासन की ओर से लगातार एहतियाती तौर पर सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके चलते ही 1800 लोग पाबंद किए जा चुके हैं।
पुलिस-प्रशासन की ओर से लगातार फ्लैगमार्च भी किया जा रहा है। निगरानी भी पूरी कराई जा रही है। वहीं दूसरी ओर सोमवार की शाम फ्लैगमार्च करने के लिए पहुंचे एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर पुलिस की निगरानी है।
व्हाट्सएप ग्रुप भी निगरानी के दायरे में लिए गए हैं। यदि किसी ने माहौल खराब करने का प्रयास किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। लगातार लोगों से संवाद कर आग्रह किया जा रहा है कि शांति कायम रखें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।
यदि कोई अफवाह फैलाता है तो पुलिस को सूचना दें। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश्चंद्र, सहायक पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार, संभल सीओ अनुज चौधरी, असमोली सीओ कुलदीप कुमार व थाना प्रभारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
त्योहारों के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने को डीआईजी मुरादाबाद, मुनिराज जी ने रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों के साथ बैठक की। सोमवार को शाम हुई बैठक में डीआईजी ने त्योहारों समेत अपराध व कानून व्यवस्था के बिंदुओं पर बातचीत की। इस बीच एसपी कृष्ण विश्नोई समेत एएसपी श्रीश्चंद्र व अनुकृति शर्मा तथा सभी सीओ, कोतवाल व थानाध्यक्ष आदि रहे। संवाद
24 नवंबर को हुए बवाल के मामले में त्रि-सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के सामने जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारी सोमवार को बयान दर्ज नहीं कराने पहुंचे। जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट रविवार को गिरफ्तार होने के चलते नहीं गए और अन्य दो सदस्य मशहूद अली फारूकी एडवोकेट और कासिम जमाल एडवोकेट बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे नहीं।
न्यायिक जांच आयोग के सचिव ने संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई को पत्र जारी किया था। जिसमें कहा था कि 11 मार्च को लखनऊ स्थित कार्यालय में जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट, मशहूद अली फारूकी और कासिम जमाल को उपस्थित होना था लेकिन यह सभी ससमय उपस्थित नहीं हुए।
इसलिए समन को संबंधित को तामील कराते हुए निर्देशित कर दिया जाए कि वे आयोग के समक्ष 24 मार्च को निर्धारित समय पर बयान दर्ज कराएं। 20 मार्च को जामा मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा शपथ पत्र तो भेज दिए गए थे लेकिन बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंचे। मालूम हो न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा अध्यक्ष, पूर्व डीजीपी एके जैन और पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद सदस्य हैं।
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