संत सियाराम बाबा का निधन, मां नर्मदा के तट पर ली अंतिम सांस
एमपी के खरगोन जिले के कसरावद में रहने वाले संत सियाराम बाबा का निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और निमोनिया से पीड़ित थे। बाबा की अंत्येष्टि नर्मदा तट पर की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव के शामिल होने की संभावना है। उनके देहांत से अनुयायियों में शोक व्याप्त है।
खरगोन (आरएनआई) अपनी तप और साधना के कारण प्रसिद्ध सियाराम बाबा 11 तारीख 2024 को सुबह 6 बजे के आसपास देवलोक गमन कर गए। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद क्षेत्र में निवास कर रहे संत सियाराम बाबा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। सीएम मोहन यादव ने भी उनके स्वास्थ्य पर चिंता जताई थी। जिसे लेकर पिछले दिनों एक मेडिकल जांच टीम इंदौर से उनके निवास के लिए रवाना हुई थी।
संत सियाराम बाबा को पिछले कुछ दिनों से निमोनिया की शिकायत थी। जिसे लेकर उनका इलाज किया जा रहा था। पर उनके निधन की खबर ने अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ा दी है। बताया जा रहा है कि शाम 4 बजे नर्मदा तट पर ही उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम मोहन यादव भी आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज इंदौर की टीम ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कर उपचार का प्रोटोकॉल निर्धारित किया था। इसके अलावा डॉक्टर यादव निरंतर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे। आज डॉक्टर यादव का उनके दर्शन करने आश्रम आने का कार्यक्रम भी था किंतु इसके पूर्व ही बाबा ने देह त्याग दी। इसके तहत आश्रम में सुविधा उपलब्ध कराकर चिकित्सकों की टीम द्वारा उनके स्वास्थ्य की देखरेख की जा रही थी। साथ ही भक्तों द्वारा भजन व जाप आदि किए जा रहे थे।
सेवादारों के मुताबिक हनुमान भक्त बाबा दान स्वरूप ज्यादातर ₹10 ही लेते थे और धन राशि को नर्मदा घाटों की मरम्मत व विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के उन्नयन में प्रदान कर देते थे। ज्यादा शिक्षित नहीं होने के बावजूद वह लगातार रामचरितमानस का पाठ करते रहते थे। आने वाले भक्तों को वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर सकारात्मक ऊर्जा से ओत प्रोत कर देते थे।
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