संघर्ष विराम से नेतन्याहू का इनकार
इस्राइल और हमास का युद्ध चार महीने से जारी है। अब तक 27,700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर युद्ध में 'पूर्ण विजय' की कसम दोहराई है। उन्होंने हमास के साथ युद्धविराम के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है।
तेल अवीव (आरएनआई) इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह हमास के साथ बीते चार महीने से जारी युद्ध में 'पूर्ण विजय' तक संघर्ष विराम का प्रस्ताव नहीं मानेंगे। पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि इस्राइल इस युद्ध को तब तक लड़ेगा जब तक हमास का समूल विनाश नहीं कर देता। पिछले साल सात अक्तूबर को इस्राइल में हमास के ताबड़तोड़ हमलों के बाद इस्राइली सेना (IDF) ने गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया। आतंकी संगठन हमास को नेस्तनाबूंद करने की कसम खा चुके पीएम नेतन्याहू ने किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुकने से इनकार कर दिया है। इस्राइल क सेना हमास के आतंकी आकाओं को ढेर करने तक चैन से नहीं बैठेगी।
बीते चार महीने से जारी हिंसक संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में अभूतपूर्व मानवीय संकट भी पैदा हुआ है। अल-जजीरा के मुताबिक दोनों पक्षों बीच जारी संघर्ष में अब तक 27,708 लोगों की मौत हुई है। चार महीने से जारी गोलाबारी के दौरान 67,147 लोग घायल भी हुए हैं।
पश्चिमी एशिया के एक अन्य घटनाक्रम में इस्राइली रक्षा बलों IDF ने बुधवार को कहा, मंगलवार रात यहूदिया और सामरिया के आसपास छापेमारी में 21 संदिग्ध फलस्तीनी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया। जेनिन शरणार्थी शिविर में सात फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया। आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर विस्फोटक फेंके और गोलीबारी की। सुरक्षा बलों ने एक गोदाम का पता लगाया। भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए। दो वांछित फलस्तीनि को गिरफ्तार भी किया गया।
इस्राइली सुरक्षाबलों ने जबल मावला और काफ़र बिदु गांवों में अतिरिक्त अवैध हथियार भी जब्त किए। अन्य लोगों को तुल्करेम के पास नूर अल शम्स शरणार्थी शिविर से गिरफ्तार किया गया। पिछले साल 7 अक्तूबर से शुरू हुए संघर्ष के बाद से यहूदिया और सामरिया में 3,050 से अधिक वांछित फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया है। 1,350 लोगों पर हमास से जुड़े होने के आरोप हैं। बता दें कि दोनों देशों के हिंसक संघर्ष से उपजे अभूतपूर्व मानवीय संकट को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने संघर्षविराम की वकालत भी की है।
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