श्रीलंका की राजनीतिक पार्टी का एलान- सत्ता में आए तो रद्द करेंगे अदाणी समूह का ऊर्जा प्रोजेक्ट
आरोप है कि इस प्रोजेक्ट को अदाणी समूह को देते समय नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी नहीं बरती गई। इसे लेकर अदालत में सुनवाई चल रही है। प्रोजेक्ट को लेकर ये भी आरोप है कि इसमें ऊर्जा के लिए जो टैरिफ लगाया जाएगा, वह भी ज्यादा है।
कोलंबो (आरएनआई) श्रीलंका की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना यानी जेवीपी ने सोमवार को एलान किया कि अगर आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत हुई तो वे श्रीलंका में अदाणी समूह के ऊर्जा प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे। सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान जेवीपी के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने यह एलान किया। दिसानायके नेशनल पीपल्स पावर गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। जेवीपी भी इसी गठबंधन का हिस्सा है। श्रीलंका में अगले हफ्ते राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
दिसानायके ने कहा कि अदाणी का प्रोजेक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। श्रीलंका में अदाणी समूह का प्रोजेक्ट विवादों में फंसा हुआ है और इसके खिलाफ अदालत में सुनवाई चल रही है। अदाणी समूह श्रीलंका के उत्तर पूर्वी इलाकों मन्नार और पूनेरिन में पवन ऊर्जा का प्रोजेक्ट लगा रहा है। इस पर समूह करीब 44 करोड़ डॉलर खर्च करेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 484 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन होगा। हालांकि पर्यावरणीय चिंता को लेकर इस प्रोजेक्ट का विरोध हो रहा है। साथ ही आरोप है कि इस प्रोजेक्ट को अदाणी समूह को देते समय नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी नहीं बरती गई। इसे लेकर अदालत में सुनवाई चल रही है। प्रोजेक्ट को लेकर ये भी आरोप है कि इसमें ऊर्जा के लिए जो टैरिफ लगाया जाएगा, वह भी ज्यादा है।
जेवीपी का रुख भारत विरोधी रहा है। श्रीलंका के गृह युद्ध के हालात में भारत और श्रीलंका के बीच शांति समझौता हुआ था। जेवीपी ने उस शांति समझौते का भी जमकर विरोध किया था। जेवीपी ने भारत-श्रीलंका शांति समझौते को देश से गद्दारी करार दिया था और उस वक्त समझौते का समर्थन करने वाले सत्ताधारी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हत्या कर दी थी।
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