श्रीनगर से प्रारंभ राष्ट्र गौरव पदयात्रा पहुंची शाहाबाद, भव्य स्वागत
शाहाबाद, हरदोई। श्रीनगर के लाल चौक से अयोध्या तक राष्ट्र गौरव पदयात्रा पर निकले अवधूत नर्मदा नंद बाप जी का नगर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। यात्रा के सभी 40 सह यात्रियों ने यहां एक मैरिज हाल में रात्रि विश्राम किया। नित्यानंद आश्रम मध्य प्रदेश एवं गुजरात के संत नर्मदा नंद बाप जी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए पदयात्रा का संकल्प लिया गया था। उसी संकल्प की प्रतिपूर्ति हेतु 4 नवंबर श्रीनगर कश्मीर के शंकराचार्य पहाड़ी से श्री राम जन्मभूमि अयोध्या तक पदयात्रा प्रारंभ की। राष्ट्र गौरव पदयात्रा आज देर शाम शाहबाद पहुंची यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राष्ट्र गौरव पदयात्रा के मुख्य पदयात्री नर्मदा नंद बाप जी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। यहीं पर हाईवे स्थित एक मैरिज हाल में उन्होंने रात्रि विश्राम किया। इस मौके पर रिपोर्टर द्वारा राष्ट्र गौरव पद यात्रा का मकसद पूछे जाने पर स्वामी नर्मदा नंद बाप जी ने बताया यात्रा का उद्देश्य पर्यावरण शुद्धि, गौ संरक्षण, जल संरक्षण एवं संस्कृत की रक्षा करना है। उन्होंने बताया पर्यावरण की शुद्धि के लिए प्रतिदिन एक वृक्ष लगाकर चल रहे हैं। इससे हरित क्रांति आएगी। कोरोना जैसी महामारी के चलते पेड़ों की कमी महसूस की गई। उन्होंने बताया गौ माता का संरक्षण इस पृथ्वी पर बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा पर्यावरण शुद्धि के लिए यज्ञ बहुत जरूरी है और यज्ञ तभी हो सकते हैं जब गौ माता का घी होगा। उन्होंने बताया भारत की पृथ्वी पर आठ करोड़ गोवंश है। जिस तरह से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता जगह-जगह कंटेनरों में भरे गोवंश पकड़ रहे हैं तो यह नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा गोवंश की रक्षा करने का संकल्प अगर एक व्यक्ति ले तो 25 करोड लोग होंगे। जबकि गाय मात्र आठ करोड़ हैं। तो 8 करोड़ गायों की रक्षा की जा सकती है। स्वामी नर्मदानंद बाप जी ने कहा भारत 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है । उनकी यात्रा भी 75 दिन की है जो श्रीनगर से 4 नवंबर को शुरू हुई और 15 जनवरी को अयोध्या में समाप्त होगी। उन्होंने बताया प्रत्येक रात्रि विश्राम में एक क्रांतिकारी को नमन करके श्रद्धांजलि दी जाती है । उन्होंने कहा रात्रि विश्राम में सत्संग के माध्यम से गंगा मैया संरक्षण, पर्यावरण शुद्धि एवं क्रांतिकारी एवं सनातन धर्म के बारे में प्रेरणा दी जाती है और यात्रा के प्रातः काल में वृक्षारोपण करते हुए अगले पड़ाव की तैयारी प्रारंभ हो जाती है। उन्होंने कहा अखंड भारत वर्ष एवं सनातन संस्कृति के प्रतीक भगवा ध्वज एवं हमारे राष्ट्र की आन तिरंगा ध्वज यात्रा के गौरव बिंदु के रुप में साथ में रहते हैं।
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