श्रीकृष्ण से शादी करने के लिए छोड़ी फोरेंसिक सब इंस्पेक्टर की नौकरी
कभी फोरेंसिक सब इंस्पेक्टर रहीं प्रिया अपने पति के रूप में भगवान श्रीकृष्ण को स्वीकार कर चुकी हैं। उन्होंने करवा चौथ का व्रत भी रखा। विधि विधान से पूजा करने के बाद व्रत का पारण किया।
मथुरा, (आरएनआई) चंडीगढ़ में पुलिस के फोरेंसिक विंग में दरोगा की नौकरी छोड़कर कृष्ण भक्ति में रंगी फरीदाबाद की रहने वाली सीता ने भगवान कृष्ण को पति मानते हुए उनके लिए निर्जला करवा चौथ का व्रत रखा। इससे पूर्व एक वर्ष पहले 29 नवंबर को भगवान लड्डू गोपाल से विधिविधान पूर्वक विवाह रचाया था। तभी से कृष्ण भक्त महिला सीता प्रिया बनकर अपने घर और नौकरी को छोड़कर वृंदावनवास कर रही हैं।
हरियाणा के फरीदाबाद निवासी सीता अब प्रिया बनकर परिक्रमा मार्ग में मदन टेर क्षेत्र में वृंदावनवास कर रही हैं। एक वर्ष पहले 29 नवंबर को उन्होंने बांके बिहारी के धाम में लड्डू गोपाल से पूरे विधि विधान से शादी की। प्रिया ने बताया कि भगवान से विवाह करने के लिए पिछले 14 साल से सपना देख रही थीं, जो कि अब जाकर पूरा हुआ है। अपने पति स्वरूप लड्डू गोपाल को वह प्रियकांत या पीहू कहकर पुकारती हैं और उन्हें ही अपना सब कुछ मानती हैं।
प्रिया ने उनके लिए करवाचौथ का पहली बार व्रत भी रखा और वह भी निर्जला। यानी पूरे दिन जब तक चांद नहीं निकला तब तक बिना पानी पिए वे व्रत रहीं। देर शाम जब चांद निकला तो प्रिया ने अर्घ्य दिया और फिर भगवान का चेहरा देखकर व्रत खोला। प्रिया ने बताया कि वह जब छह वर्ष की थी तब वह छुपकर अपनी ताई के साथ गोवर्धन और वृंदावन आती थीं। उनका परिवार आर्य समाजी है, जिसमें कि मूर्ति पूजा को निषेध मानते हैं। घर वापस लौटने पर पिटाई भी होती थी, लेकिन भगवान से उनकी चाहत बढ़ने लगी और उम्र बढ़ने के साथ साथ उनसे प्रेम हो गया।
14 वर्ष पहले भगवान के लिए घर छोड़ दिया, लेकिन बिना माता पिता की सहमति के शादी न करने का मन बना लिया। 14 वर्ष बाद जब मां से कहा क्या वह अपनी बेटी का कन्या दान नहीं करेंगी तो मां ने सहमति दे दी और 29 नवंबर 2022 को अपने प्रिय ठाकुर प्रियकांत उर्फ पीहू से शादी कर ली। उन्होंने अपने बारे में बताया कि वह हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली हैं। उन्होंने एमबीए और पीएचडी की है। वह बॉलीबॉल की खिलाड़ी रहीं। वह पढ़ने में हमेशा अव्वल रही हैं। यूनिवर्सिटी टॉप किया था। वहीं से उनका स्पोट्र्स कोटा में चंडीगढ़ फोरेंसिक में एसआई पर चयन हुआ।
कुछ दिन नौकरी की लेकिन फिर मन लड्डू गोपालजी में मन लगने लगा और नौकरी छोड़ दी। इसके बाद इंडिगो एयर में एयर होस्टेज बनीं, लेकिन कुछ समय बाद फिर नौकरी छोड़ दी और वृंदावन चली आईं। तब से अब तक वह कृष्ण भक्ति में रमी हुई हैं और उनके लिए वृंदावनवास कर रही हैं।
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