श्याम बेनेगल की फिल्मों को मिले सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड... उनकी फिल्म में काम करने वाले एक्टर्स ने भी कमाया नाम
भारत में 8 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले श्याम बेनेगल ने अंकुर, मंडी, निशांत, आरोहन, भूमिका, मंथन और जुबैदा जैसी शानदार फिल्में बनाई थीं। श्याम बेनेगल को पैरेलल सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किया जाता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) फिल्ममेकर-निर्देशक श्याम बेनेगल का सोमवार शाम निधन हो गया। वह 90 साल के थे। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित बेनेगल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राष्ट्रपति मुर्मु ने श्याम बेनेगल के निधन पर शोक जताया है।
भारत में 8 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले श्याम बेनेगल ने अंकुर, मंडी, निशांत, आरोहण, भूमिका, मंथन और जुबैदा जैसी शानदार फिल्में बनाई थीं। श्याम बेनेगल को पैरेलल सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किया जाता है।
श्याम बेनेगल की सबसे पहली फिल्म अंकुर थी, जोकि 1974 में रिलीज हुई थी। यह कमर्शियल सिनेमा की मांगों को पूरा न करने वाली एक ऐतिहासिक फिल्म थी। नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, ओम पुरी और शबाना आजमी जैसे नए कलाकारों को इसमें कास्ट किया गया था। उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए वंचितों, बेजुबानों को आवाज दी और उनकी कहानी बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और दयालुता के साथ दुनिया को बताई।
फिल्म की कहानी एक जमींदार के एक दलित महिला के साथ अवैध संबंध के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म ने शबाना आजमी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। अंकुर ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम किया।
स्मिता पाटिल, गिरीश कर्नाड और अमरीश पुरी अभिनीत फिल्म निशांत ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी। इसने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म मंथन (1976) ने साल 1977 में बेस्ट नेशनल फिल्म का अवॉर्ड जीता था। ये भारत की पहली फिल्म थी, जिसे चंदा लेकर बनाया गया था। हर किसान ने फिल्म के लिए 2-2 रुपए चंदा दिया। फिल्म सहकारी डेयरी फार्मिंग के संघर्ष और जीत की कहानी कहती है। भूमिका फिल्म मराठी अभिनेत्री हंसा वाडकर के जीवन से प्रेरित है। इसमें स्मिता पाटिल ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
बेनेगल ने कुल 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1,500 एड फिल्में बनाईं। उन्होंने अमरीश पुरी, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी जैसे कई बेहतरीन कलाकारों का सिनेमा से परिचय करवाया। बेनेगल की फिल्मों को वजह से ही स्मिता पाटिल इतनी बेहतरीन अभिनेत्री बन पाईं। हिंदी सिनेमा के सबसे खतरनाक विलेन अमरीश पुरी को फिल्मों में लाने का क्रेडिट श्याम बेनेगल को ही दिया जाता है। उन्होंने गिरीश कर्नाड, शमा जैदी, अतुल तिवारी जैसे कई राइटर बनाए।
1-अंकुर (1975), 2-निशांत (1976), 3- मंथन (1977), 4-भूमिका (1978), 5- मंडी (1983) 6- मम्मो (1984), 7- सरदारी बेगम (1996), 8- जुबैदा (2001), 9- वेलकम टू सज्जनपुर (2004) 10- वेल डन अब्बा (2010)
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