शेख हसीना के खिलाफ तीन नए मुकदमे, अब तक कुल 15 मामले दर्ज
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर भड़की आग ने अबतक 650 से ज्यादा लोगों को अपनी आगोश में ले लिया है। वहीं इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर लगातार मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। बता दें कि अब तक शेख हसीना के खिलाफ 15 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
ढाका (आरएनआई) बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ आंदोलन के दौरान तीन लोगों की मौत के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के पूर्व मंत्रियों और अन्य लोगों के खिलाफ तीन नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही सत्ता छोड़ने के बाद से शेख हसीना के खिलाफ हत्या के कुल 15 मामले दर्ज हो चुके हैं।
राजधानी के मीरपुर इलाके में लिटन हसन लालू उर्फ हसन और शेर-ए-बांग्ला नगर इलाके में तारिक हुसैन की हत्या के लिए अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। लिटन के भाई ने ढाका मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मेहदी हसन की अदालत में हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अब्दुल्ला अल मामून और अन्य समेत 148 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
लिटन चार अगस्त को छात्र आंदोलन के तहत मीरपुर इलाके में एक शांतिपूर्ण जुलूस में शामिल हुआ था। आरोप है कि दोपहर करीब दो बजे शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के लोगों ने जुलूस पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे हसन घायल हो गया। उसने बाद में दम तोड़ दिया। दूसरी तरफ, तारिक की मां फिदुशी खातून ने हसीना, पूर्व सड़क, परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री कमाल, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मोहम्मद अली अराफात समेत 13 लोगों के खिलाफ एक और मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट के अनुसार, तारिक को पांच अगस्त को शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन के सामने अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी, जिससे नौ अगस्त को उसकी मौत हो गई थी। इससे पहले रविवार रात मछली कारोबारी मोहम्मद मिलन की पत्नी शहनाज बेगम ने हसीना और उनके मंत्रियों समेत दर्जनों लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था। मिलन को 21 जुलाई को मछली बाजार से घर लौटते समय गोली मार दी गई थी।
अपदस्थ होने के बाद से शेख हसीना के खिलाफ अबतक दर्जनभर से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के बाद हसीना को पांच अगस्त को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद वह भारत चली आई थीं। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुई हिंसा में 650 से ज्यादा लोग और कम से कम 44 पुलिसकर्मी मारे जा चुके हैं।
शेख हसीना और पूर्व मंत्रियों समेत 27 लोगों के खिलाफ नामजद और 500 अज्ञात पर मानवता के खिलाफ अपराध को अंजाम देने और नरसंहार का आरोप लगाते हुए बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में शिकायत दर्ज कराई गई है। सरकारी बीबीएस न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह शिकायत विरोध प्रदर्शन में मारे गए शहरियार हसन अल्वी के पिता अब्दुल हसन ने दर्ज कराई है।
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