नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ कर्नाटक की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र
कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को सभी नव निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ।
बेंगलुरू, 22 मई 2023, (आरएनआई)। कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को सभी नव निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ।
विधानसभा अधिकारियों के अनुसार, इस तीन दिवसीय सत्र के दौरान सभी 224 नव निर्वाचित प्रतिनिधि विधायक के रूप में शपथ लेंगे। इस दौरान नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होगा।
फिलहाल, प्रोटेम स्पीकर के रूप में सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य आर वी देशपांडे नव निवार्चित प्रतिनिधियों को शपथ दिला रहे हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, मंत्री जी परमेश्वर, के एच मुनियप्पा, एम बी पाटिल, के जे जॉर्ज, सतीश जारकिहोली, प्रियंक खरगे ने विधायक के रूप में शपथ ले ली है।
सत्र की शुरुआत में देशपांडे ने कहा, ‘‘हम सभी चुने गए हैं और कर्नाटक के लोगों के आशीर्वाद से यहां आए हैं। यहां कुछ वरिष्ठ नेता भी हैं और मुझे कुछ नए चेहरे भी दिख रहे हैं। हमें राज्य के विकास लिए प्रयास करना होगा।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, राज्य के विकास और प्रगति के लिए, हम सभी को एक आदर्श और ऐसा कन्नड़ राज्य बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा, जो समृद्ध हो और जहां सभी वर्गों के लोग शांति और सद्धाव के साथ रहें।’’
सिद्धरमैया ने शनिवार को दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने उपमुख्यमत्री और आठ विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली।
मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धरमैया ने शनिवार को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कहा था, ‘‘हम तीन दिनों, सोमवार, मंगलवर और बुधवार के लिए विधानसभा सत्र बुला रहे हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि 24 मई से पहले नई विधानसभा का गठन किया जाना है।’’
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तहत 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था और 13 मई को मतगणना की गई है। कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की और वहीं भारतीय जनता पार्टी को 66 सीटें और जनता दल (सेक्युलर) को मात्र 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
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