शिवसेना के अकेले निकाय चुनाव लड़ने के एलान के बाद 'इंडिया'-MVA में फूट की अटकलें; राउत ने दी सफाई
संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि गठबंधन में अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलते हैं। इसके बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया और महाविकास अघाड़ी की एकजुटता को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। राउत ने कहा कि शिवसेना अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहती है।
मुंबई (आरएनआई) शिवसेना (यूबीटी) के स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के एलान पर पार्टी सांसद संजय राउत ने सफाई दी। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहती है। हमने कभी भी विपक्षी गठबंधन इंडिया और महाविकास अघाड़ी को खत्म करने की बात नहीं कही।
संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि गठबंधन में अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलते हैं और इससे संगठनात्मक विकास में बाधा आती है। हम अपनी ताकत के दम पर मुंबई, ठाणे, नागपुर और अन्य नगर निगमों, जिला परिषदों और पंचायतों के चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया और महाविकास अघाड़ी की एकजुटता को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे।
इसके जवाब में रविवार को राउत ने कहा कि महाविकरास अघाड़ी का गठन विधानसभा चुनावों के लिए और विपक्षी गठबंधन इंडिया का गठन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था। स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए हैं। मैंने या मेरी पार्टी ने कभी नहीं कहा कि इंडिया ब्लॉक या एमवीए को भंग कर दिया जाना चाहिए।
शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी पर राउत ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के सदस्यों को प्रतिक्रिया देने से पहले उनकी पूरी टिप्पणी सुननी चाहिए। कांग्रेस नेताओं को दूसरों की बात सुनने की आदत डालनी चाहिए। शिवसेना चाहती है कि उसकी मशाल (चुनाव चिह्न) जमीनी स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि एमवीए सहयोगियों को अपनी पार्टियों और अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर पर काम करना चाहिए।
राउत ने कहा कि हमारे पास काफी वक्त है क्योंकि अगले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अभी साढ़े चार साल का समय है। एनसीपी (शरद) के प्रमुख शरद पवार की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा पर राउत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र स्तब्ध है। सरपंच संतोष देशमुख और सोमनाथ सूर्यवंशी के हत्यारों को संरक्षण देकर शांति नहीं आ सकती।
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के अच्छे नतीजों के बाद कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि वह गठबंधन को जिंदा रखे और सभी दलों को एकजुट करके आगे का रास्ता दिखाए। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक गठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है, जिससे लोगों में संदेह उत्पन्न हो रहा है। यह इंडिया गठबंधन के लिए सही नहीं है।'
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