शिवराज सिंह चौहान ने कहा ‘मैं बहुत आनंदित और प्रसन्न हूं’, नाराजगी की चर्चाओं और दिल्ली बुलावे के बीच आया ये बड़ा बयान
भोपाल, (आरएनआई) भले ही शिवराज सिंह चौहान 5वीं बार मुख्यमंत्री नहीं बने हों..लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। अगर कभी मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं की लिस्ट बनाई जाएगी तो वो शुरुआती नामों में शामिल होंगे। सोमवार को विधानसभा में शपथ लेने के बाद उन्होने कहा कि ‘मुझे गर्व औरआत्मसंतोष भी है कि मैंने लगभग 17 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सेवा की एवं विकास हो या जनकल्याण, मैं अच्छा काम कर पाया। एक राज्य का नागरिक होने के नाते अब मेरी यही इच्छा है कि मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी के नेतृत्व में मुझसे भी बेहतर काम हो।
दिल्ली जाने से पहले शिवराज ने कही ये बड़ी बात
रविवार को दिल्ली में हुई अहम बैठक में शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं हुए और इसके बाद उनकी नाराजगी की अटकलों ने और ज़ोर पकड़ लिया। इसके बाद अब दिल्ली से उनका बुलावा आया है और मंगलवार को उनकी मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से होगी। लेकिन इस बीच सोमवार को विधासभा सत्र के पहले दिन शपथ लेने के बाद उन्होने कहा कि वे बहुत आनंदित और प्रसन्न हैं और प्रदेश के विकास के लिए नए सीएम को पूरा सहयोग करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘पहले मैं अपने सभी नवनिर्वाचित विधायक मित्रों को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूंं। विधानसभा में जहां एक तरफ पुराने और अनुभवी साथी भी विधायक चुनकर आए हैं, वहीं नई पीढ़ी का भी पर्याप्त समावेश है। एक और आनंद का विषय है..पीढ़ी परिवर्तन भी हुआ है। श्री मोहन यादव जी मुख्यमंत्री हैं तो नेता प्रतिपक्ष भी उमंग सिंघार जी है। और पीढ़ी परिवर्तन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। दोनों पक्षों में देखने को मिल रही है। इसे हमको सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति और विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा।
सीएम मोहन यादव को दी शुभकामनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैंने लगभग 17 साल मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा की है और विकास हो या जनकल्याण, मुझे आत्मसंतोष भी है और गर्व भी है कि अपनी जनता और प्रदेश के विकास के लिए मैं बहुत काम कर पाया। लेकिन स्वाभाविक रूप से एक राज्य के नागरिक के नाते मेरी यही इच्छा है कि श्री मोहन यादव जी के नेतृत्व में मुझसे बेहतर काम हो। सोचने के दो दृष्टिकोण हो सकते हैं। एक हो सकता है कि मैंने बहुत अच्छा किया। लेकिन नागरिक और अच्छे व्यक्ति के नाते अगर हम सोचें तो मैंने अच्छा किया लेकिन मुझसे अच्छा मेरे बाद आने वाला मुख्यमंत्री करें। और मैं श्री मोहन यादव जी को, श्री जगदीश देवड़ा जी को, श्री राजेंद्र शुक्ला जी को और आने वाले मंत्रिमंडल को न केवल शुभकामनाए देता हूं..बल्कि सकारात्मक और सक्रिय सहयोग करूंगा।
‘मैं विधानसभा को पवित्र मंदिर मानता हूं’
उन्होने कहा कि ‘विधायक दल के नेता के नाते वो हमारे भी नेता है। और विधायक के नाते भी मैं विधानसभा को ईंट-गारे का भवन नहीं मानता, बल्कि पवित्र मंदिर मानता हूं। मुझमें ये भाव भी नहीं है कि मैं बड़ा हूं..मैं विधायक हूं तो विधानसभा मेरा मंदिर है। एक विधायक के नाते पूरी सक्रियता के साथ मैं विधानसभा में भी काम करूंगा, मेरी बुधनी क्षेत्र की जनता जिसने बिना जाए सदैव मुझे भारी बहुमत से जिताया है..इस बार भी 1 लाख 5 हजार वोटों से जीता हूं तो वहां का विकास मेरी स्वाभाविक ड्यूटी है। लेकिन प्रदेश की जनता की भी भावनाओं का प्रतिनिधित्व विधानसभा में होता है वो भी मैं करता रहूंगा। मैं बहुत आनंदित और प्रसन्न हूं। जिस ढंग से नई सरकार ने काम शुरु किया है वो आनंद और प्रसन्नता देने वाला है।
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