'शिक्षा, स्वास्थ्य का बजट बढ़ाए केंद्र सरकार', मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल ने की ये मांग
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिला क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार है। मिडिल क्लास वर्ग सरकारों के लिए सिर्फ एटीएम बन कर रह गया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता के पैसे को जनता पर खर्च किया।
नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली में सियासी उठापठक के बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास परिवारों के लिए अलग से मेनिफेस्टो जारी किया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर पार्टी ने मध्यम वर्ग को दबाया है। हर चीज पर मध्यम वर्ग को टैक्स देना पड़ता है। अब तो मरने के बाद भी टैक्स देना पड़ता है। 50 फीसदी कमाई टैक्स में जा रही है। मध्यम वर्ग बहुत ज्यादा परेशान है। केजरीवाल ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी ने मिडिल क्लास के लिए बहुत काम किया है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिला क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार है। मिडिल क्लास वर्ग सरकारों के लिए सिर्फ एटीएम बन कर रह गया है। आज देश में मिडिल क्लास के लोगों को अपना परिवार चलाने में बहुत मुश्किलें आ रही हैं, इन सभी परेशानियों के कारण ही हर साल लाखों भारतीय देश छोड़कर विदेशों में बस रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता के पैसे को जनता पर खर्च किया। हमने जनता के टैक्स के पैसों को शिक्षा और स्कूल पर इन्वेस्ट किया। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कई मांग की हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य का बजट केंद्र सरकार बढ़ाए।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के गरीबों और मिडिल क्सास के लोगों को महंगाई की मार से बचाने के लिए आप सरकार ने बिजली-पानी मुफ़्त कर दी। हमने शानदार मोहल्ला क्लीनिक और अस्पताल बनाए और मुफ्त इलाज की व्यवस्था की। आने वाले दिनों में हम बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना लेकर आ रहे हैं। यह सब करके क्या हम कोई गुनाह कर रहे हैं? हम मिडिल क्लास को आगे बढ़ाने के लिए सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाएंगे। संसद में बजट सत्र के दौरान हमारे सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों के लिए आवाज बुलंद करेंगे। हम ये मांग करते हैं कि देश का अगला बजट देश के मिडिल क्लास को समर्पित हो।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि शिक्षा का बजट 2% से बढ़ाकर 10% किया जाए, प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए। उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाए। स्वास्थ्य का बजट बढ़ाकर 10% किया जाए और स्वास्थ्य बीमा से टैक्स हटाया जाए। आईटी छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए। आवश्यक वस्तुओं पर से जीएसटी हटाई जाए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजबूत सेवानिवृति और पेंशन प्लान बनाई जाए। देशभर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त इलाज दी जाए। बुजुर्गों को रेलवे में पहले छूट मिलती थी जो बंद कर दी गई है उसे चालू किया जाए।'
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