शिकायत में सेना प्रमुख का नाम होने के कारण अधिकारी प्राथमिकी दर्ज करने को अनिच्छुक : इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उनकी "हत्या के प्रयास" के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि शिकायत से सेना के जनरल का नाम हटाये जाने तक अधिकारी मामला दर्ज करने से इनकार कर रहे हैं।
लाहौर, 6 नवंबर 2022, (आरएनआई)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उनकी "हत्या के प्रयास" के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि शिकायत से सेना के जनरल का नाम हटाये जाने तक अधिकारी मामला दर्ज करने से इनकार कर रहे हैं।
पंजाब प्रांत के वजीराबाद जिले में ‘हकीकी आजादी मार्च’ के दौरान 70-वर्षीय खान के कंटेनर पर दो बंदूकधारी हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके दाहिने पैर में गोली लगी थी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री राणा सनाउल्ला और मेजर जनरल फैसल नसीर ने 2011 में पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की धार्मिक उन्मादियों के हाथों हत्या की तरह उन्हें जान से मारने की साजिश रची।
लाहौर के शौकत खानम अस्पताल से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने अपनी कथित "हत्या के प्रयास" की पारदर्शी जांच की मांग की।
खान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने न्यायिक आयोग की बात की और मैं इसका स्वागत करता हूं, लेकिन मेरा पहला सवाल यह है कि यह क्या करेगा? जब सभी एजेंसियां मेरे द्वारा नामजद तीन लोगों के अंतर्गत आती हैं, तो जांच कौन करेगा?"
उन्होंने कहा, "निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कैसे हो सकती है? ऐसा नहीं हो सकता। इसलिए मैंने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा, ताकि जांच निष्पक्ष हो सके।"
प्रधानमंत्री शहबाज ने शनिवार को खान के आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक "सभी न्यायाधीशों की सदस्यता वाले आयोग" के गठन की मांग की। खान ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उनकी हत्या की साजिश रची।
शहबाज ने यह भी कहा था कि अगर खान पर हमले से संबंधित किसी भी साजिश में उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो वह पद छोड़ देंगे।
प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर गतिरोध उस समय और गहरा गया, जब पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी ने उनकी शिकायत दर्ज करने में पुलिस की कथित अनिच्छा पर सवाल उठाए। यह गतिरोध खान द्वारा प्राथमिकी में सेना के एक जनरल का नाम शामिल करने की जिद के कारण पैदा हुआ।
खान ने कहा कि उन्हें प्राथमिकी में हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को नामजद करने का पूरा अधिकार है, लेकिन पंजाब में अधिकारी तब तक प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर रहे हैं जब तक कि वह इसमें से संबंधित सैन्य अधिकारी का नाम नहीं हटा देते।
उन्होंने कहा, "हम प्राथमिकी दर्ज करने में सक्षम नहीं हो सके हैं क्योंकि वे (पुलिस) कहते हैं, ‘ठीक है, हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ (प्राथमिकी दर्ज करने के लिए) तैयार हैं, लेकिन आप सैन्य जनरल मेजर फैसल के लिए’ ऐसा नहीं कर सकते हैं।"
पंजाब पुलिस ने गोलीबारी मामले से जुड़े कम से कम तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन प्राथमिकी के लिए खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ से कोई अर्जी मिलने से इनकार किया।
दूसरी ओर, खान के रिश्तेदार एवं वकील हसन नियाजी ने ‘डॉन’ से कहा कि उन्होंने पुलिस थाने में अर्जी दी थी, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें इसकी कोई पावती नहीं दी।
गोलीबारी में खान की पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है और खान समेत 14 लोग घायल हो गये।
खान की पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि कर्तव्यों का निर्वहन करने में कुछ अधिकारियों के हाथ बंधे हुए हैं और उन पर वजीराबाद हमले के लिए उनकी अर्जी पर विचार नहीं करने का दबाव है।
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