शाहाबाद नगर के पठकाना रामलीला मंच पर हुआ"कफ़न" नाटक का मंचन, दर्शक हुवे भाव विभोर
हरदोई( आरएनआई ) शाहाबाद नगर में सबसे प्राचीन रामलीला मेला समिति पठकाना द्वारा अपने 88वें बर्ष के आयोजन में "कफन" नामक नाटक का मंचन हुआ। कलाकारों द्वारा नाटक का ऐसा जीवंत चित्रण किया गया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।नाटक का मंचन स्थानीय कलाकारों समेत शाहजहाँपुर के कलाकारों ने किया।नाटक मे कई बार ऐसे दृश्य आये जिसे देखकर महिलाओं की आखें डबाडबा उठी। रामलीला के स्थानीय कलाकार मधुप मिश्रा की अदभुत कलाकारी से जहां एक ओर बच्चे किलकारी मार रहे थे।वही दूसरी ओर महिलाएं गंभीरतापूर्वक दृश्य देखकर अश्रुपूरित हो रही थी। कलाकार विजय, चंदा, बनवारी, संतो, काका, अभय महेंद्र ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। नाटक का मंचन करते हूये पिता की भूमिका में मधुप मिश्रा अपने बीमार मरणासन्न अबोध बच्चे हेतु अपनी पत्नी के करुण प्रलाप पर अत्यंत पीड़ित होकर प्रलाप करते हुए कभी झोली फैलाकर दवा के लिए भीख मांग रहे थे तो कभी पलंग पर पड़े बच्चे के पास भूख प्यास से तड़प तड़पकर प्रलाप कर रही अपनी नाटकीय पत्नी की ओर देख देखकर "भूखे गरीब की ए ही दुआ है, औलाद बालों फूलो फलो" गाना गाते हुए दर्शकों से रोटी, रुपया मांग रहे थे,।इस हृदयस्पर्शी नाटक के करुण क्रन्दन से दर्शकों की आंखों को आंसुओं के सैलाब से सरावोर कर दिया। रामलीला मंचन पर नाटक का अविस्मरणीय मंचन जो कि एक ऐसी कहानी पर आधारित था।जिसको आम दर्शक सोचने को विवश था। भले घोर कलियुग के दुष्प्रभाव के कारण उसका असर समाज के सबल वर्ग पर कदापि नहीं पड़ सकता। परन्तु सच्चाई से परे पूरी मौज मस्ती के साथ जीवन यापन करने बाले परिवारों के अतिरिक्त व्यक्तियों के लिए यह नाटक वास्तव में पर्याप्त प्रेरक था। समाज के समृद्धशाली लोगों समेत अधिकारीगणों सहित नेतागण भी यदि कभी ऐसे नाटकों से किंचित मात्र तक सीख लेते तो काफी कुछ सुधार समाज को नित नई तरक्की की ओर अग्रसर कर सकता है। परन्तु वह इससे सबक लेना नहीं चाहते क्योंकि उनके कलेजों में कल्मश की काई जम चुकी है अन्यथा सरकारी योजनाओं का लाभ ही यदि पात्रों को कर्तव्यनिष्ठा की कसौटी पर पूरी तन्मयता से प्राप्त करा दिया जाए तो भी कफ़न नाटक का मंचन समाज के निरीह वर्ग तक सफल होकर रह सकता है। स्थानीय कलाकार एवं समिति के बिशेष सहयोगी अरुण अग्निहोत्री के निर्देशन एवं पुष्पेन्द्र मिश्रा के सहयोग से कफ़न नाटक का मनभावन मंचन सफल हुआ है।
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