शाहाबाद का पशु चिकित्सालय ही बीमार, कौन करे बीमार जानवरो का उपचार

Apr 21, 2023 - 18:34
Apr 21, 2023 - 18:38
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शाहाबाद का पशु चिकित्सालय ही बीमार, कौन करे बीमार जानवरो का उपचार

हरदोई (आरएनआई) उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपनी जनता के लिये नयी नयी योजनाएं संचालित कर सुविधा देने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। लेकिन धरातल पर व्यवस्था में जिम्मेदारों द्वारा इतने छेद कर दिये गये है।कि योजना जमीन पर उतरने से पहले ही पानी की तरह छन कर बह जाती है जिससे योजना का लाभ जरूरत मंद को मिल ही नहीं पाता। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा पशुपालकों की सुविधा के लिये विटनरी इमरजेंसी मोबाइल वैन योजना को चलाकर पशुपालकों को दरवाजे पर ही पशु के इलाज की व्यवस्था की लेकिन जिम्मेदारों की हीलाहवाली के चलते यह मोबाइल विटनरी एम्बुलेंस के पहिए चलने से पहले ही थमते नजर आ रहे हैं। शाहाबाद क्षेत्र के लिये मोबाइल विटनरी एम्बुलेंस शासन द्वारा भेज दी गयी है लेकिन डाक्टरों के अभाव के कारण उसका संचालन ही नहीं हो पा रहा है।पूरे दिन चिकित्सालय के अन्दर मोबाइल विटनरी एम्बुलेंस शो पीस बनी खड़ी दिखाई दे रही है‌। मोबाइल विटनरी एम्बुलेंस के लिये हेल्पलाइन 1962 जारी तो किया गया लेकिन पशुपालकों द्वारा नम्बर डायल करने पर फोन ही उठता और यदि उठ गया तो उसे उल्टा सीधा समझा कर चुप करा दिया जाता है। जिससे पशुपालकों का योजना से भरोसा ही उठता जा रहा है। यदि शाहाबाद पशु चिकित्सालय की बात की जाय तो यह पशु चिकित्सालय खुद बीमार है यहां एक उप पशु चिकित्साधिकारी के अलावा अन्य कोई कर्मचारी नहीं है। पशु चिकित्सा अधिकारी मनमाने तरीके से पशुपालकों की सेवा में लगे हैं। आज एक पशुपालक को अपने पशु के इलाज के लिये बड़े प्रयास किये गये लेकिन बेचारे पशुपालक को निराशा ही हाथ लगी 1962 पर लगातार फोन किया गया लेकिन कोई रिजल्ट न मिलते देख पशुपालक सीधे पशु चिकित्सालय पहुंचा वहां उसने डाक्टर की खोज शुरू की तो पता चला डाक्टर साहब छुट्टी पर हैं।जब पशुपालक ने डाक्टर सुरेन्द्र कुमार का मोबाइल डायल किया तो मोबाइल स्विच ऑफ था। अस्पताल में पशुपालक की समस्या सुनने वाला अस्पताल में कोई नहीं था।तभी एक व्यक्ति दूसरी तरफ से आता दिखाई दिया। पूछने पर उस येने अपना नाम दयाराम सुमन बताया।उसने बताया कि यहां वह फार्मासिस्ट के पद पर तैनात था अब वह रिटायर हो चुके हैं। लेकिन पशुपालकों को सेवा देने चले आते हैं। फिलहाल इस अस्पताल की व्यवस्था देखकर तो यही लगता है कि अस्पताल ही गम्भीर रूप से बीमार है तो पशुओं का इलाज करेगा कौन?

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Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)