शासकीय भूमि विक्रय: भू-माफियाओं पर होगी एफआईआर, देर से ही सही जागा तो प्रशासन

शिवपुरी (आरएनआई) शिवपुरी में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे शासकीय भूमि को भी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विक्रय करने से नहीं चूक रहे। हाल ही में नगर पालिका परिषद, शिवपुरी द्वारा इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया गया, जिसमें करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि को फर्जी एनओसी के आधार पर खुर्द-बुर्द किया जा रहा था। इस घोटाले में सुशीला धाकड़, अंजू अग्रवाल पत्नी सतीश अग्रवाल समेत कई दलाल और खरीददारों की संलिप्तता सामने आई है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी, शिवपुरी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया कि उक्त व्यक्तियों ने नगर पालिका की फर्जी एनओसी तैयार कर, दलालों के माध्यम से सर्वे क्रमांक 4 एवं 5 की कीमती भूमि को विक्रय पत्र के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया। इस जालसाजी की पुष्टि विभागीय सहायक राजस्व निरीक्षक द्वारा की गई जांच में हुई, जिसमें पाया गया कि नगर पालिका से जारी होने वाली एनओसी पूरी तरह से फर्जी थी और इसका कोई वैध रिकॉर्ड मौजूद नहीं था।
शहर के भू-माफिया, दलाल और भ्रष्ट तत्व शासकीय भूमि को निजी संपत्ति में बदलने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इस घोटाले में संलिप्त व्यक्तियों में दलाल राजेश कुशवाह, रामनिवास रावत, सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड़, आनंदी गौड़ और महादेवी विश्वकर्मा शामिल हैं।
> प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए फर्जी विक्रय पत्र (MP392922024A11010390) दिनांक 08.08.2024 को तैयार किया गया, जिसमें सुशीला धाकड़ और अंजू अग्रवाल को खरीददार दर्शाया गया। विक्रेताओं में सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़ समेत अन्य शामिल थे। इस विक्रय पत्र के गवाहों में रामेश्वर धाकड़ और संजीव धाकड़ का नाम भी सामने आया है।
अनुविभागीय अधिकारी, शिवपुरी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राजस्व निरीक्षक से जांच करवाई। जांच में स्पष्ट हुआ कि उक्त सर्वे क्रमांक 4 की भूमि शासकीय है और इसे निजी संपत्ति के रूप में बेचना पूरी तरह अवैध है। यह भूमि एबी रोड स्थित सोनचिरैया चौराहे से कत्था मिल तक फैली हुई थीम रोड साइड की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमि है, जिसकी बाजार कीमत करोड़ों रुपये में है।
इस फर्जीवाड़े को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी ने दिनांक 13.03.2025 को आदेश पारित कर नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए कि इस संगठित भूमि घोटाले में शामिल सभी आरोपियों - क्रेता, विक्रेता, दलाल एवं विक्रय पत्र के गवाहों के खिलाफ थाना में एफआईआर दर्ज कराई जाए।
यह अत्यंत गंभीर मामला है, जिसमें भू-माफियाओं द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने और उसे बेचने का दुस्साहस किया गया है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई न होने से भू-माफिया और भ्रष्ट तत्वों के हौसले बुलंद होते हैं। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में इस प्रकार के घोटालों पर रोक लग सके। जनता को भी जागरूक रहना होगा और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत प्रशासन तक पहुंचानी होगी ताकि भ्रष्टाचार और जालसाजी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।
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