शासकीय डाक्टरों की हड़ताल: कमिश्नर, कलेक्टर ने मरीजों के हित में निजी चिकित्सकों से शासकीय अस्पतालों में सेवाएं देने की अपील की
प्राईवेट नर्सिग होम के प्रतिनिधियों के साथ हुई प्रशासन की बैठक
सागर। सागर संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत और जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने 3 मई से शासकीय चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने की स्थिति को देखते हुए निजी चिकित्सकों से मरीजों के हित में शासकीय अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध किया है। संभागायुक्त और कलेक्टर आज कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में सागर के प्राईवेट नर्सिग होम के प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों के बैठक को संबोधित कर रहे थे।
संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने प्राईवेट नर्सिग होम संचालको से शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल अवधि में प्रशासन को सहयोग करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि जो मरीज गंभीर स्थिति में होंगे, उन्हें ही सिर्फ प्राईवेट नर्सिग भेजा जायेगा। निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से उन्होंने अनुरोध किया कि जो मरीज अत्यंत गंभीर है या वेंटिलेटर पर है, उसे वे अस्पताल आकर उपचार करें तो यह बहुत बड़ी मानव सेवा और चिकित्सक के पुनीत कर्तव्य निर्वहन होगा। ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनका प्रसव होना है तथा ऐसे बच्चे जो एनएनसीयू और पीआईसीयू में भर्ती है, उन्हें भी जिला अस्पताल व बीएमसी में जाकर देखें तो यह भी मानवता की बहुत बड़ी सेवा होगी। डॉ. रावत ने शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल की स्थिति में चिकित्सा छात्रों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया तथा अपील की कि वे मरीजों के हित में हड़ताल पर न जाएं।
कलेक्टर दीपक आर्य ने चिकित्सकों की हड़ताल अवधि में शहर के नर्सिग होम संचालकों से अपने कुछ चिकित्सकों को शासकीय अस्पतालों में सेवा देने के लिए भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में गंभीर स्थिति वाले मरीज यदि भेजे जाते है तो वे उनके उपचार में पूरी मदद करें तथा इसके लिए सभी आवश्यक तैयारी रखे।
दीपक आर्य ने सिविल सर्जन डॉ. ज्योति चौहान और सीएमएचओं डॉ. ममता तिमोरे से निजी नर्सिग होम में आईसीयू में उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी ली। कलेक्टर के आव्हान पर कुछ निजी नर्सिग होम ने अपने चिकित्सकों को शासकीय अस्पताल भेजने का आश्वासन भी दिया। इसी प्रकार शहर के कुछ निजी चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देंगे।
कलेक्टर ने संविदा एवं बंधपत्र चिकित्सकों से हडताल पर नहीं जाने के लिए कहा। यदि वे हड़ताल पर जाते है तो कार्यवाही के लिए तैयार रहे। इसी प्रकार एसएनसीयू (गहन नवजात शिशु इकाई) एवं पीआईसीयू के स्टॉफ के हड़ताल में शामिल होने पर कार्यवाही होगी।
कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक के दौरान जारी एक आदेश में सभी सी.पी.एस./डीएनबी प्रशिक्षु छात्रों/राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा स्टॉफ/चिकित्सकों/स्नातकोत्तर/स्नातक बंधपत्र चिकित्सकों, आयुष चिकित्सकों तथा अन्य चिकित्सकों को निर्देशित किया है कि वे चिकित्सकों की हड़ताल अवधि में अपनी सेवाएं निरंतर जारी रखें।
स्वास्थ्य विभाग की संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. नीना गिडियन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. ममता तिमोरे, सिविल सर्जन डॉ. ज्योति चौहान और संयुक्त संचालक स्वास्थ्य कार्यालय की उपसंचालक महिला चिकित्सकों ने शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान बुंदेलखंड मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देने की बैठक में घोषणा की।
बैठक में शहर के प्रमुख सभी प्राईवेट नर्सिग होम के प्रतिनिधि, आई.एम.ए के पदाधिकारी, बुंदेलखंड मेडिकल कालेज के डीन डा. आर.एस. वर्मा, अधीक्षक डॉ. एम.के. पिप्पल सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित थे।
सागर में मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स मंगलवार दोपहर 1 बजे तक हड़ताल पर रहे। डॉक्टर्स सुबह 11 बजते ही कुर्सियों से उठ गए। ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) बंद कर दी। उनकी मांग है कि समयबद्ध क्रमोन्नति और मेडिकल डिपार्टमेंट्स के तकनीकी मामलों में प्रशासनिक दखल को खत्म किया जाए। डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल के चलते अस्पतालों के वार्डों में भर्ती मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ा।हड़ताल से पहले डॉक्टर्स ने सरकारी नीतियों के विरोध में काली पट्टी बांधकर काम किया था।
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