शहर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त, फिर भी डेढ़ करोड़ से बनेंगे सेल्फी प्वाइंट

नगर पालिका की सामान्य सभा की बैठक में कई प्रस्ताव पास

Jan 9, 2025 - 23:26
Jan 9, 2025 - 23:28
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शहर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त, फिर भी डेढ़ करोड़ से बनेंगे सेल्फी प्वाइंट

गुना (आरएनआई) नगर पालिका की सामान्य सभा की बैठक 11 महीने बाद आयोजित हुई, जिसमें 1.50 करोड़ रुपये की लागत से माधवराव सिंधिया मार्ग सहित 10 स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह निर्णय उस समय लिया गया, जब शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल है और सडक़ों की हालत बेहद खराब है। बैठक में इस फैसले पर कांग्रेस पार्षदों और विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। पार्षदों ने कहा कि सफाई, सडक़ों और पेयजल संकट,नालियों के निर्माण जैसी प्राथमिक समस्याओं को नजरअंदाज कर सेल्फी प्वाइंट पर करोड़ों खर्च करना जनहित में नहीं है।

बैठक में कई पार्षदों ने सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताई। वार्ड 4 की पार्षद रश्मि शर्मा ने कहा कि सफाई कर्मी समय पर नहीं आते, और कचरा लंबे समय तक चौराहों और सडक़ों पर पड़ा रहता है। उन्होंने सवाल किया कि जब शहर साफ नहीं है, तो सेल्फी प्वाइंट बनाने का क्या मतलब है। वार्ड 22 के पार्षद राजू ओझा ने सफाईकर्मियों की मनमानी और ड्यूटी में असमानता की शिकायत की। प्रश्न के जवाब में अध्यक्ष की जगह विधायक प्रतिनिधि ने जवाब में कहा कि सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव पहले ही पास किया जा चुका है, लेकिन शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिली है।

नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ ने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये सेल्फी प्वाइंट पर खर्च करना पैसे की बर्बादी है। उन्होंने कहा, शहर की सडक़ों की हालत बदतर है, सफाई व्यवस्था ध्वस्त है, और नालियां जर्जर हैं। इन समस्याओं के समाधान की बजाय ऐसे दिखावटी काम किए जा रहे हैं, जो जनता के लिए किसी झुनझुने से कम नहीं। बैठक में शहर में लगभग 5 हजार अवैध नल कनेक्शनों का मुद्दा भी उठा। परिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अवैध कनेक्शन काटने में किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। हालांकि, पार्षदों ने यह भी स्वीकार किया कि नपा की टीम पर कनेक्शन काटने से रोकने के लिए सिफारिशें आती हैं।

बैठक में ग्वालियर रोड, इंदौर रोड और अशोकनगर रोड पर 2.50 करोड़ रुपये की लागत से स्वागत द्वार बनाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। इस बजट की व्यवस्था प्रदेश सरकार करेगी। इसके अलावा, रिलायंस पेट्रोल पंप से गोपाल मंदिर तक सडक़ चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए 1.50 करोड़ रुपये की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

शहर के विभिन्न चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए 1 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। नगर परिषद की दुकानों का किराया 20 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। साथ ही, शहर में होर्डिंग का नया ठेका देने और आगामी वित्तीय वर्ष में संपत्ति कर की दरें बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान पार्षदों ने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये शहर की सडक़ों की मरम्मत और पेयजल संकट के समाधान में खर्च किए जाते तो यह शहर के लिए अधिक लाभकारी होता। बैठक की शुरुआत वार्ड 30 और 10 के नवनिर्वाचित पार्षदों के स्वागत से हुई। इसके बाद विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

शहरवासियों ने भी इस निर्णय पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब सफाई और सडक़ों की हालत खराब है, तो सेल्फी प्वाइंट जैसे दिखावटी काम पर पैसे खर्च करना समझ से परे है। लोगों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं सिर्फ नाम कमाने और फोटो खिंचवाने के लिए बनाई जाती हैं, जबकि मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। बैठक में पारित प्रस्तावों ने एक बार फिर नगर परिषद की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां सफाई, सडक़ों और पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं का समाधान जरूरी है, वहीं करोड़ों रुपये दिखावटी योजनाओं पर खर्च करना नगर प्रशासन की नीयत और समझ पर सवाल उठाता है।

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