शहर में जगह-जगह लगे हैं कचरे के ढेर, स्वच्छता के नाम पर बढ़ता भ्रष्टाचार और जिमेदार की अनदेखी
सिंगरोली (आरएनआई) मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में नगर पालिका निगम द्वारा स्वच्छता के नाम पर किए जा रहे दावों की असलियत अब धीरे-धीरे जनता के सामने आ रही है। कागजों में तो सिंगरौली की सफाई और स्वच्छता को लेकर तमाम बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। सिंगरौली के हर कोने में, गलियों और मोहल्लों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं, और आम जनता का स्वास्थ्य इस लापरवाही के कारण खतरे में पड़ता नजर आ रहा है।
नगर निगम ने हर वार्ड से कचरा उठाने के लिए एक ठेका सीटाडेल कंपनी को दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी नगर की स्वच्छता व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। शिकायतें लगातार आ रही हैं कि सीटाडेल कंपनी के मैनेजर व कर्मचारी तय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। खुले में कचरे का डंपिंग किया जा रहा है, जिससे आसपास क्षेत्र के नदी, तालाब और जलाशय प्रदूषित हो रहे हैं।
जिले में नल जल योजना के तहत लोगों को घरों तक पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन अब यह पानी भी साफ और सुरक्षित नहीं रह गया है। रहवासियों का कहना है कि कचरे के डंपिंग क्षेत्र से प्रदूषित पानी नदी में समा रहा है और धीरे-धीरे नल जल योजना में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी के स्रोत तक पहुंच रहा है। इसके परिणामस्वरूप कई इलाकों में घरों तक पहुंचने वाले पानी में भी प्रदूषण के संकेत मिल रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि प्रदूषित पानी सीधे तौर पर आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
नगर निगम की चुप्पी और जनता की परेशानियां
नगर निगम अधिकारी और विशेष रूप से स्वच्छता अधिकारी आर. पी. वैश्य इस पूरी स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं। कई स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यह चुप्पी और लापरवाही दर्शाती है कि नगर निगम के अधिकारी सीटाडेल कंपनी के साथ मिलीभगत कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो नगर निगम के अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे इस स्वच्छता के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार अनदेखा कर रहे हैं।
जनता के जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़
इस पूरे मामले में जनता को हो रही परेशानी और उनके जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए यह आवश्यक है कि शासन और प्रशासन इस पर ध्यान दे। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जिम्मेदार अधिकारी और स्थानीय प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेंगे ताकि सिंगरौली की जनता को स्वच्छता और स्वास्थ्य के नाम पर राहत मिले।
जनता की मांग और संभावित समाधान
जनता की ओर से बार-बार मांग की जा रही है कि नगर निगम सिंगरौली स्वच्छता के कामकाज की निगरानी बढ़ाए और ठेकेदार कंपनी द्वारा किए जा रहे नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करे। इसके अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि पानी के स्रोतों की नियमित रूप से जांच हो और उन्हें प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं।
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