शरद पवार ने पीएम पर लगाया समाज को बांटने का आरोप, कहा- भाजपा से गठबंधन करने वालों से कोई संबंध नहीं
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेता कहा कि वह उन लोगों के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं, जो भाजपा के साथ हैं। उन्होंने कहा, हमारी अपनी पार्टी है। कुछ लोग भाजपा के साथ जुड़े हैं। इन बातों पर चर्चा करने का सवाल ही नहीं उठता।
पुणे (आरएनआई) विपक्ष के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री के चुनावी भाषणों की आलोचना की। उनसे जब पूछा गया कि क्या चुनाव के बाद उनके और उनके भतीजे अजित पवार के बीच सुलह हो सकती है, तो उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन करने वालों के साथ कोई संबंध नहीं रखेंगे।
'पीटीआई' के साथ एक इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा, सत्तारूढ़ महायुति लोकसभा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन के बाद चुनावों को प्रभावित करने के लिए भारी मात्रा में पैसे का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन, लोग उन्हें खारिज कर देंगे। महाराष्ट्र के चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने 'बटेंगें तो कटेंगे' नारे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी आलोचना की। इस नारे की कुछ भाजपा नेताओं और उप मुख्यमंत्री अजित पवार जैसे सहयोगियों ने भी निंदा की है। पवार ने कहा, वह (योगी आदित्यनाथ) इन सांप्रदायिक बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें इतना महत्व क्यों दें? मैं उनके बारे में एक भी वाक्य नहीं बोलना चाहता। ये वे लोग हैं, जो भगवा वस्त्र पहनते हैं और सांप्रदायिकता फैलाते हैं। वे देश का अहित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विपक्ष पर समाज को जाति के आधार पर बांटने का आरोप लगाया है और सत्तारूढ़ महायुति के समर्थन में 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा दिया। प्रधानमंत्री के चुनावी अभियान के बारे में पूछे जाने पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख ने कहा, वह प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कई बातें कहीं हैं। वह हमारे सहयोगियों के बारे में जो कह रहे हैं, वह बहुत अनुचित है। वह खुद ही समाज को बांट रहे हैं। आप पिछले कुछ दिनों के उनके भाषणों और मुद्दों को देख सकते हैं, जो वह अपने राजनीतिक हितों के लिए उठा रहे हैं। पवार ने कहा कि उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान लोगों में भारी अशांति देखी है।
प्रधानमंत्री अपने चुनावी अभियान के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पूर्व सहयोगी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर हमले कर रहे हैं। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के चुनावी अभियान का नेतृत्व करते हुए और 2023 में पार्टी के बंटवारे के बाद पश्चिम महाराष्ट्र में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की स्थिति को फिर से मजबूत करने की कोशिश करते हुए 83 वर्षीय नेता पवार ने चुनाव जनता से समर्थन मिलने का भरोसा जताया।
शरद पवार ने कहा, लोग राज्य सरकार से बहुत नाराज हैं, खासकर किसान और युवा वर्ग। जब भी उन्हें वोट देने का मौका मिलेगा, वह हम जैसे लोगों और हमारे सहयोगियों को समर्थन देंगे। पवार ने हालांकि यह नहीं बताया कि महा विकास अघाड़ी को 288 सदस्यीय विधानसभा में कितनी सीटें मिल सकती हैं। चुनाव के बाद क्या वह और उनके भतीजे एक साथ आ सकते हैं, इस सवाल पर शरद पवार ने कहा कि वह उन लोगों के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं, जो भाजपा के साथ हैं। उन्होंने कहा, हमारी अपनी पार्टी है। कुछ लोग भाजपा के साथ जुड़े हैं। इन बातों पर चर्चा करने का सवाल ही नहीं उठता।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने भतीजे के साथ किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार कर रहे हैं, शरद पवार ने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग भाजपा के साथ हैं, उनके साथ उनका कोई संबंध नहीं रहेगा। अजित पवार 2023 में राकांपा के विधायकों के एक समूह के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। शरद पवार ने उन बागी विधायकों को 'गद्दार' करार दिया और भरोसा जताया कि जनता आगामी 20 नवंबर के चुनाव में न्याय करेगी।
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