शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप का बड़ा एलान, देशों से टैरिफ वसूल करने के लिए बनाएंगे बाह्य राजस्व सेवा एजेंसी
ट्रंप ने विदेशी देशों के टैरिफ और अन्य राजस्व इकट्ठा करने के लिए बाह्य राजस्व सेवा नाम से नई एजेंसी बनाने की घोषणा की है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हम उन लोगों से शुल्क वसूलेंगे जो हमसे व्यापार के जरिये पैसा कमाते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग हमें भुगतान करना शुरू कर देंगे।
वॉशिंगटन (आरएनआई) अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण करने से पहले बड़ा एलान किया है। ट्रंप ने विदेशी देशों के टैरिफ और अन्य राजस्व इकट्ठा करने के लिए बाह्य राजस्व सेवा नाम से नई एजेंसी बनाने की घोषणा की है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हम उन लोगों से शुल्क वसूलेंगे जो हमसे व्यापार के जरिये पैसा कमाते हैं।
उन्होंने कहा कि वे लोग हमें भुगतान करना शुरू कर देंगे। मेरी योजना बाह्य राजस्व सेवा जैसी एजेंसी बनाने की है। यह अमेरिका में कर की वसूली करने वाली आंतरिक राजस्व सेवा एजेंसी जैसी होगी।
डेमोक्रेटिक सांसदों ने ट्रंप की नई योजना का विरोध किया। सीनेट की वित्त समिति के शीर्ष डेमोक्रेट ओरेगन सीनेटर रॉन विडेन ने कहा ऐसी मूर्खतापूर्ण रीब्रांडिंग से कुछ भी छिपने वाला नहीं है। ट्रंप की योजना अमीरों को कर में छूट देने और अमेरिकी परिवारों और छोटे व्यवसायों पर कर वृद्धि करने की है।
अमेरिकी संविधान के मुताबिक नई एजेंसी के गठन के लिए संसद के अधिनियम की जरूरत होती है। रिपब्लिकन के पास सदन और सीनेट दोनों में बहुमत है। वहीं अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वह एक नई एजेंसी बनाएंगे जो मौजूदा एजेंसियों के कामों को संभालेगी। इसमें वाणिज्य विभाग, सीमा शुल्क और सीमा गश्ती शामिल है।
शपथ ग्रहण करने से पहले ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) को तैयार कर दिया है। इसकी कमान दिग्गज कारोबारी एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी को सौंपी गई है। इस विभाग के तहत हजारों पुराने नियमों को समाप्त करने और सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटाने की योजना बनाई गई है। यह विभाग सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, फिजूल खर्चों में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
ट्रंप ने हाल में ही मैक्सिको और कनाडा को टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामान पर 25 फीसदी और चीन से आने वाले सामान पर 60 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इसे लेकर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि टैरिफ का असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। यह सरकारों के लिए धन जुटाने तथा समृद्धि को बढ़ावा देने का सही तरीका नहीं है।
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