शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची हरियाणा सरकार; 22 जुलाई को सुनवाई

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता लोकेश सिन्हल ने कोर्ट से कहा कि मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। याचिका में कहा गया कि सरकार लोगों को हो रही दिक्कत को लेकर चिंतित है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए याचिका दायर की गई।

Jul 16, 2024 - 16:20
 0  756
शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची हरियाणा सरकार; 22 जुलाई को सुनवाई

नई दिल्ली (आरएनआई) छह महीने से बंद शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा। हरियाणा सरकार ने एक सप्ताह में बॉर्डर से बैरिकेड हटाने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

मंगलवार को न्यायाधीश सूर्याकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस मुद्दे को अगले सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता लोकेश सिन्हल ने कोर्ट से कहा कि मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। याचिका में कहा गया कि सरकार लोगों को हो रही दिक्कत को लेकर चिंतित है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए याचिका दायर की गई। राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया कि बैरिकेड केवल तब हटाया जा सकता है,  जब किसान अपना धरना हाईवे से खत्म करेंगे। 

राज्य सरकार ने कहा कि कोर्ट ने आंदोलनकारी किसानों को कोई भी निर्देश दिए बिना प्रयोगात्मक आधार पर शंभू बॉर्डर खोलने के निर्देश दे दिए। जोकि लोगों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। याचिका में यह भी कहा गया कि कानून-व्यवस्था का मुद्दा राज्य सरकार का विषय है। राज्य में किसी भी हिंसा और शांतिभंग के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। इसलिए इस हाईकोर्ट के बैरिकेड हटाने के आदेश पर विचार किया जाए। शीर्ष अदालत 22 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी। 

10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू सीमा पर बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर कानून-व्यवस्था की कोई स्थिति बनती है तो राज्य सरकार कानून के मुताबिक निवारक कार्रवाई कर सकती है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसी तरह का निर्देश जारी किया था और कहा था कि उसकी तरफ से भी बैरिकेडिंग हटाई जानी चाहिए। इस आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के  जस्टिस भुइयां ने कहा कि कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को संभालना उसका कर्तव्य है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलें, लेकिन नियंत्रित भी करें। इसके बाद फिर से हरियाणा सरकार की तरफ से उच्चतम न्यायालय में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर  की गई। इस पर 22 जुलाई को सुनवाई होनी है। 

एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली कूच करना चाहते थे। उन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर हाईवे को पूरी तरह बंद कर रूट डायवर्ट कर दिया। किसानों ने कई बार बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले, रबड़ बुलेट और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। खनौरी बॉर्डर पर पंजाब के किसान शुभकरण की गोली लगने से  मौत भी हो गई। किसान 6 माह से शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हैं। हरियाणा की ओर से हाईवे बंद कर देने से आसपास के लोगों और व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.