शंभू बॉर्डर पर बवाल, जींद में चली लाठियां
किसान एमएसपी पर गांरटी, ऋण माफी, किसानों को पेंशन, किसानों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने सहित 16 प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन पर डटे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली कूच का नेतृत्व कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
चंडीगढ़ (आरएनआई) किसानों के दिल्ली कूच के एलान के पहले दिन मंगलवार को खूब हंगामा हुआ। किसानों ने शंभू बॉर्डर पार करने का प्रयास किया तो रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां दागी। अंबाला कैंट के डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मी और किसान घायल हो गए।
किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया। इससे पहले दप्पड़-लहरी-लालडू में चंडीगढ़-अंबाला नेशनल हाईवे के किनारे श्री गुरुद्वारा साहिब के बाहर किसान नेता अपने ट्रैक्टरों के साथ एकजुट हुए। गुरुद्वारा साहिब में माथा टेक कर और लंगर छक कर दिल्ली के लिए रवाना हुए।
दोपहर 12 से शाम चार बजे तक करीब चार घंटे शंभू बॉर्डर पर तनाव रहा। काफी जद्दोजहद के बाद किसान आंदोलनकारी पहली बैरिकेडिंग को तोड़ने में कामयाब रहे। किसानों को उग्र होता देख हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। चार घंटे में करीब 80 आंसू गैस के गोले दागे गए। मंजर देखकर ऐसा लग रहा था मानो किसानों और पुलिस के बीच जंग चल रही है।
शम्भू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने पांच से छह स्तर की बैरिकेडिंग कर रखी थी। किसानों की यहां से आगे बढ़ने को लेकर देर शाम तक मशक्कत जारी रही। आंसू गैस के गोलों और पथराव में अंबाला कैंट के डीएसपी समेत चार पुलिसकर्मी, तीन रैपिड एक्शन फोर्स के जवान
शंभू बॉर्डर पर करीब शाम पांच बजे तक दो से ढाई हजार किसान डटे हुए हैं। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए एक ट्रैक्टर ट्राली सहित बैरिकेडिंग में भिड़ा दी थी। हरियाणा में शंभू सीमा पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया वहीं जींद जिले में दोनों राज्यों की सीमा पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया गया।
हरियाणा पुलिस और अधैसैनिक बलों की टुकड़ी ने शम्भू बॉर्डर पर करीब 18 किसान आंदोलनकारियों को पकड़ा है। इनमें बुजुर्ग और युवा आंदोलनकारी दोनों शामिल थे। युवा, बुजुर्ग सहित किसानों का एक बड़ा समूह ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में भरकर पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से सुबह लगभग 10 बजे रवाना हुआ, जो हरियाणा की सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। अमृतसर से कई किसान जेसीबी और मिट्टी की बोरियों के साथ दिखाई दिए। किसानों ने कहा कि इसका इस्तेमाल बैरिकेड तोड़ने के लिए किया जाएगा।
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