'वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे, इस पर चर्चा होनी चाहिए', लोकसभा में बोले राहुल गांधी
बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही जारी है। संसद की कार्यवाही के पहले ही दिन काफी हंगामा देखने को मिला और केंद्रीय शिक्षा मंत्री के बयान पर डीएमके सांसदों ने वॉकआउट किया। इस बजट सत्र में सभी की निगाहें वक्फ संशोधन विधेयक पर होगी, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा विपक्ष और सरकार के बीच 'ईपीआईसी' के मुद्दे पर टकराव हो सकता है।

नई दिल्ली (आरएनआई) लोकसभा में यूपी में हाल ही में एक युवा पत्रकार की हत्या का मामला भी गूंजा। सपा सांसद ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा और परिजन को नौकरी देने की मांग की। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे राज्य का मामला बताकर इसे राज्य सरकार के सामने उठाने की बात कही।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट का मामला उठाया और सदन में उस पर चर्चा की मांग की। टीएमसी ने भी वोटर लिस्ट का मामला उठाया। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी वोटर लिस्ट पर संसद में चर्चा की मांग की।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, 'चुनाव आयोग सरकार के कब्जे में है, अगर लोकतंत्र ऐसे ही चलता रहा और चुनाव आयोग सरकार की पैरवी करता रहा तो निश्चित रूप से जो नतीजे आएंगे, वे आपके सामने है। अगर ऐसी ही व्यवस्था चलती रहेगी तो वह लोकतंत्र नहीं दिखावा है। हमें कई वर्षों से संदेह है। जमीन पर क्या होता है, वह सभी को पता है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।'
लोकसभा की कार्यवाही स्थगन के बाद फिर से शुरू हो गई है। कार्यवाही शुरू होने पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने केंद्रीय मंत्री के डीएमके सदस्यों को असभ्य कहने पर कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांगी और कहा कि उनका मकसद किसी की भावना को चोट पहुंचाना नहीं था। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की कार्यवाही से केंद्रीय मंत्री के बयान के उस हिस्से को हटा दिया, जिस पर डीएमके सदस्यों ने आपत्ति जताई और वे सदन से वॉकआउट कर गए।
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। दरअसल नई शिक्षा नीति और तीन भाषाओं के विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'वे (DMK) बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनका एकमात्र काम भाषा की बाधाएं खड़ी करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं।'
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, 'लोकतंत्र की आज की आवश्यकता यही है कि विपक्ष एक स्वस्थ चर्चा करे और सत्ता पक्ष को घेरे और सत्ता पक्ष विपक्ष को अपने अच्छे कार्यों की जानकारी देकर उनको संतुष्ट करे लेकिन विपक्ष तैयार नहीं है। विपक्ष हंगामे के लिए तैयार रहता है, सदन में बाधा डालने के लिए तैयार रहता है।'
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