'वैश्विक शांति के लिए अमेरिका के साथ काम करना चाहते हैं' : पीएम शहबाज शरीफ
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को ज्यादा महत्व देता है। अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों के एक समूह ने बाइडन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि जब तक चुनाव में धांधली के आरोपों की पूरी तरह से जांच नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान में नई सरकार को मान्यता देने से परहेज किया जाए।
इस्लामाबाद (आरएनआई) अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को ज्यादा महत्व देता है। साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और क्षेत्र की समृद्धि के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने शरीफ को पत्र लिखकर आश्वासन दिया था कि अमेरिका वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान उनके पत्र की ही प्रतिक्रिया है। पाकिस्तान की नई सरकार से हुए अपने पहले संचार में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी हमारे लोगों और दुनियाभर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई है। पिछले हफ्ते अमेरिकी दूतावास द्वारा शहबाज शरीफ को जारी बाइडन के पत्र में कहा गया है कि हम साथ मिलकर अपने देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध बनाना जारी रखेंगे।
शहबाज शरीफ ने कहा कि दोनों देश ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। दिलचस्प बात यह है कि जब 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने पदभार संभाला था, तब बाइडन का पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ऐसा कोई संवाद नहीं था। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी अमेरिकी राष्ट्रपति के पत्र के जवाब में शहबाज शरीफ ने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और ग्रीन अलायंस फ्रेमवर्क पहल का स्वागत है।
पिछले महीने, अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों के एक समूह ने बाइडन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि जब तक चुनाव में धांधली के आरोपों की पूरी तरह से जांच नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान में नई सरकार को मान्यता देने से परहेज किया जाए।
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