वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का आगाज दिल्ली में आज, 40 से अधिक देश के लोग होंगे शामिल
वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन (जीटीएस) भू-प्रौद्योगिकी पर भारत का प्रमुख संवाद है, जिसकी सह-मेजबानी विदेश मंत्रालय (एमईए) और कार्नेगी इंडिया की ओर से की जाती है।

नई दिल्ली (आरएनआई) वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन (जीटीएस) का 9वां संस्करण 10-12 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय 'तकनीक में संभावना' है। शिखर सम्मेलन का उद्घाटन सत्र विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन से शुरू होगा।
जीटीएस भू-प्रौद्योगिकी पर भारत का प्रमुख संवाद है, जिसकी सह-मेजबानी विदेश मंत्रालय (एमईए) और कार्नेगी इंडिया की ओर से की जाती है। बुधवार को जारी बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार, लचीलापन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर फोकस करते हुए वैश्विक प्रौद्योगिकी नीति वार्तालापों को आकार देना है। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में 40 से अधिक सत्र होंगे।
इसमें मुख्य भाषण, मंत्रिस्तरीय बातचीत, विशेषज्ञ पैनल और रणनीतिक बातचीत भी शामिल हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ब्राजील, यूएई, नाइजीरिया, फिलीपींस और यूरोपीय संघ सहित 40 से अधिक देशों के 150 से अधिक वक्ता दुनिया के सामने सबसे अधिक दबाव वाली तकनीकी चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा में शामिल होंगे।
विभिन्न सत्रों में एआई गवर्नेंस, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और डेटा सुरक्षा से लेकर साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण में उभरते तकनीकी सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। बयान में कहा गया है कि जीटीएस 2025 अगली पीढ़ी की आवाज़ को भी बुलंद करेगा। जीटीएस यंग एंबेसडर प्रोग्राम के माध्यम से, भारत भर के छात्र और युवा पेशेवर डिजिटल भविष्य, जिम्मेदार एआई और वैश्विक तकनीकी मानदंडों पर नीतिगत बातचीत में सीधे योगदान देंगे।
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