वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क
शाहजहंपुर, (आरएनआई) जनपद के सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुल 9479 मरीजों का किया गया उपचार। जनपद में बढ़ रही संक्रामक बीमारियों को देखते हुए श्रीमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के गौतम ने जनपद के सभी चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रतिदिन ओ पी डी में मरीजों को चिकित्सा सुबिधा मुहैया कराई जाए, तथा जिन क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियां फैली हुई है, वहां पर स्वास्थ्य कैंप लगाकर मरीजों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा समस्त आशाओं और आशा संगिनी को निर्देशित किया गया है कि जिस गाँव में बुखार के अधिक मरीज निकलते है तो उसकी सूचना तत्काल संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देंगी, ताकि उस गाँव में स्वास्थ्य कैम्प लगाया जा सके। यदि किसी गाँव में साफ-सफाई नहीं हुई है और किसी गाँव में जलभराव की स्थिति है तो उसकी सूचना पंचायती राज विभाग को दी जाएगी ताकि उस गाँव में साफ-सफाई व लारवी साइड फागिंग का कार्य हो सके।
उक्त के संदर्भ में आज समस्त सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में देखे गए मरीजों का विवरण निम्न है।
1-कुल देखे गए मरीजों की संख्या -9479
2-लैब जाँच की गई मरीजों की संख्या- 1900
3-भर्ती मरीजों की संख्या- 122
4-रेफर मरीजों की संख्या- 12
5-1900 लोगों के स्क्रीनिंग जाच में 1 मलेरिया व 1डेंगू के संदिग्ध रोगी मिले हैं । इसके कंफेरमेट्री के लिए रिपोर्ट भेजी गई है और सभी को दवाएं उपलब्ध करा दी गई है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ एस पी गंगवार ने बताया कि शहर में माह अक्टूबर में 3788 घरों की जाँच की गई और अबतक कुल 70362 घरों की जाँच की जा चुकी है ,जिसमें से 1479 घरों में मच्छरों के लार्वा पाएं गए जिसे तत्काल मौके पर की नष्ट कराया गया। लार्वा जाँच हेतु 10 टीमें प्रतिदिन कार्य कर रहीं हैं। बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक की सलाह अवश्य लें ,निःशुल्क जाँच व उपचार अवश्य कराएं। यदि आने जाने में परेशानी हो तो 108 वाहन से अस्पताल आकर अपना इलाज कराए। घर के आस पास पानी एकत्रित न होने दे ।पानी एकत्रित होने पर उसमें जला हुआ मोबिल आयल , केरोसिन ऑयल या डीजल का प्रयोग करें।मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी का प्रयोग करें,अनुपयोगी बर्तनों जैसे कूलर,फ्रिज ,गमले ,पंछियों और जानवरों के पानी पीने के बर्तनों आदि को एक सप्ताह से पहले बदल दें । सभी लोग शौचालय का प्रयोग करें,नालियों की साफ सफाई रखें इन उपायों को अपनाकर संचारी रोगों के प्रसार से स्वयं तथा लोगों का बचाव करें।
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