वृन्दावन स्थित 06 महिला आश्रय सदनों का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
मथुरा। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा श्री राजीव भारती जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 19.11.2022 को चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन प्रथम, द्वितीय, सीताराम, रासविहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों तथा कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन, वृन्दावन का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन सुश्री सोनिका वर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर महिला आश्रय सदनों की अधीक्षिकाऐं व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
निरीक्षण दौरान उपस्थित अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि चेतन्य विहार महिला आश्रय सदन, वृन्दावन के उपरोक्त पाँचों आश्रय सदनों में कुल 268 मातायें पंजीकृत हैं, जिनमें से 35 माताये अवकाश पर, 04 माताओं का अस्पताल में भर्ती होना बताया गया। शेष 229 मातायें उपस्थित हैं। कृष्णा कुटीर सदन में 179 माताएं पंजीकृत होना बताया गया जिनमे से 05 माता अनुपस्थित, 02 माताओं का पुनर्वास होना तथा 172 माताएँ उपस्थित होना बताया गया।
चेतन्य बिहार स्थित सदनों की प्रभारी द्वारा बताया गया कि माताओं को महिला कल्याण निगम द्वारा 1850/- रूपये प्रतिमाह फूडमनी व पॉकेटमनी के रूप में प्राप्त होते हैं, जो सीधे माताओं के बैंक खाते में भेजे जाते हैं। माताओं को उ०प्र० सरकार की ओर से 1000 /- रुपये प्रतिमाह वृद्धा व विधवा पेंशन प्राप्त होती है।
सभी माताओं के अंत्योदय राशनकार्ड बनें हैं जिसमें उन्हें इस माह में निशुल्क 14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल, 01 किलो प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल में निःशुल्क 05 किलो अनाज भी प्राप्त हो रहा है। चेतन्य बिहार स्थित सदन सर्दी में माताओं को गर्म पानी उपलब्ध कराने हेतु सदनों में लगे गीजरों को चालू करवाया जा रहा है।
अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि उक्त सदनों की सभी माताओं को वैक्सीन लग चुकी है। बारह घाट से पानी आने के कारण अब पानी की समस्या कम हो गई है। दानदाताओं द्वारा आर. ओ. पानी की 20 लीटर की 40 बोतलें प्रतिदिन प्रदान की जाती हैं। नगर निगम द्वारा एक पानी का टैंकर प्रतिदिन भेजा जाता है माताओं के लिए कम से कम पानी के दो टैंकरों की आवश्यकता है क्योंकि सदन में खारे पानी की समस्या है।
कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन की अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि एक दानदाता द्वारा माताओं के लिए 500 लीटर शुद्ध पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। एक दानदाता द्वारा एक समर लगवाया है। इसके अतिरिक्त सदन में उपस्थित माताओं हेतु दानदाताओं द्वारा 18 गीजर,01 वॉशिंग मशीन,10 इन्वेटर की बैटरी दी गयी।
सदनों के निरीक्षण उपरान्त आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा माताओं को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरणपोषण नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध मकदमा दर्ज कराया जा सकता है। यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। न्यायालयों में लम्बित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है।
निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित माताओं से पृथक-पृथक वार्ता की गयी तथा उनको विधिक अधिकारों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया व उनके निस्तारण हेतु सदनों की प्रभारी व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
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