विशेष राज्य के दर्जे से कांवड़ यात्रा तक, जानें सर्वदलीय बैठक में किस दल की क्या रही मांग
बीजद ने मांग की कि, 'ओडिशा राज्य के लिए कोयला रॉयल्टी में संशोधन न किया जाना है। हमने केंद्र से मिलने वाले धन के घटते हस्तांतरण और इस दिशा में काम करने की आवश्यकता का मुद्दा भी उठाया।
नई दिल्ली (आरएनआई) रविवार को सरकार ने संसद भवन में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में विभिन्न पार्टियों के नेता पहुंचे। बैठक का मुख्य मुद्दा आगामी मानसून सत्र में सहमति बनाना था, लेकिन बैठक के दौरान कई पार्टियों ने सरकार के सामने ऐसे मुद्दे उठाए कि यह मानसून सत्र से ज्यादा पार्टियों की मांगें सुर्खियां बन गई हैं। गौरतलब है कि सर्वदलीय बैठक में वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज हुई सर्वदलीय बैठक में जेडीयू नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआरसीपी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। हैरानी की बात यह है कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे।' बैठक में बीजू जनता दल ने भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी। जयराम रमेश ने दावा किया कि बैठक के दौरान बीजद ने सरकार को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का एलान किया था।
बैठक के बाद बीजद सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा, 'बीजू जनता दल (बीजेडी) की ओर से हमने सर्वदलीय बैठक में कई मांगें रखी हैं। ओडिशा दो दशकों से भी अधिक समय से विशेष राज्य का दर्जा पाने से वंचित है। बिहार और आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों ने भी अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है। बीजद ने ओडिशा के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है। दूसरा मुद्दा ओडिशा राज्य के लिए कोयला रॉयल्टी में संशोधन न किया जाना है। हमने केंद्र से मिलने वाले धन के घटते हस्तांतरण और इस दिशा में काम करने की आवश्यकता का मुद्दा भी उठाया। साथ ही ओडिशा के राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ओडिशा राज्य में कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे पर राजभवन के कर्मचारी से मारपीट का आरोप है।'
संसद में सर्वदलीय बैठक के बाद वाईएसआरसीपी सांसद विजय साई रेड्डी ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में वाईएसआरसीपी ने आठ मुद्दे उठाए हैं। हमने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा मांगा है। राज्य को मिलने वाले करों में भी वृद्धि करने की मांग की गई है। हम विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। दक्षिण तटीय रेलवे जोन के लिए भूमि आवंटित की जानी चाहिए। ऑनलाइन जुए को रोकने के लिए उचित कानून बनाया जाना चाहिए।' वाईएसआरसीपी सांसद ने आंध्र प्रदेश में कानून व्यवस्था के बिगड़ने के आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वाईएसआरसीपी ने कहा कि टीडीपी राज्य के मुद्दे नहीं उठा रही है और उसने समझौता कर लिया है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नामपट्टिकाओं का मुद्दा उठाया। आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'ईडी और सीबीआई का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है, केजरीवाल जी को जेल में रखा गया है। मैंने ये पूरा मामला उठाया, हमारे दो मंत्रियों को गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है, मैंने वो मुद्दा भी उठाया। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान नामपट्टिका लगाने का मामला भारत के संविधान के खिलाफ है। ये इस देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।'
सर्वदलीय बैठक का आयोजन केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने किया। वहीं बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, आप के संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल आदि नेता मौजूद थे।
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