विरासत गलियारा: 80 के दशक की बनी चहारदीवारी टूटी, ढाई फीट छोटा हो गया 'तिवारी हाता'
जानकारों का कहना है कि पूर्व मंत्री ने 1980 के करीब सुरक्षा के लिहाज से तिवारी हाता के चारों तरफ 20 फीट की ऊंची चहारदीवारी बनवाई थी। विरासत गलियारे के सीमांकन के दौरान जद में आने पर करीब 45 साल बाद तिवारी हाता के मुख्य गेट से लगायत करीब डेढ़ सौ मीटर आगे हनुमान मंदिर तक चहारदीवारी तोड़ी जा रही है।

गोरखपुर (आरएनआई) अस्सी के दशक में बनी तिवारी हाता की चहारदीवारी टूटने की चर्चा दिनभर शहर में होती रही। जानकारी होने पर बुधवार को पूर्व मंत्री स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के शुभचिंतकों का हाता पर आना-जाना लगा रहा। वहीं सड़क से गुजरने वाला हर शख्स की नजर हाता को निहारती रही। विरासत गलियारे की जद में आने की वजह से तिवारी हाता करीब ढाई फीट छोटा हो गया है।
पूर्व मंत्री ने 1980 के करीब सुरक्षा के लिहाज से तिवारी हाता के चारों तरफ 20 फीट की ऊंची चहारदीवारी बनवाई थी। विरासत गलियारे के सीमांकन के दौरान जद में आने पर करीब 45 साल बाद तिवारी हाता के मुख्य गेट से लगायत करीब डेढ़ सौ मीटर आगे हनुमान मंदिर तक चहारदीवारी तोड़ी जा रही है। इससे पहले ही अंदर एक 20 फीट ऊंची नई चहारदीवारी तैयार कर ली गई है।
तिवारी हाता में दिनभर शुभचिंतक आते-जाते रहे। हाता में कुशल तिवारी के बेटे सभी लोगों से मिल रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं का भी आना-जाना लगा रहा। शुभचिंतकों के चेहरे बता रहे थे कि इस निर्णय से वे खुश नहीं हैं। वहीं तिवारी हाता की चहारदीवारी टूटते देख अगल-बगल के व्यापारियों ने भी विरासत गलियारे की जद में आया अपना हिस्सा तोड़ना शुरू कर दिया है।
पूर्व मंत्री के परिवार ने हाता की चहारदीवारी को टूटने से बचाने के लिए काफी प्रयास किया। पीडब्ल्यूडी विभाग को हाता के आस-पास ही उतनी अलग जमीन देने की भी बात की थी, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
चहारदीवारी के विरासत गलियारे की जद में आने के बाद पूर्व मंत्री के परिवार ने खुद से ही मजदूर लगवाकर उसे तुड़वाना शुरू किया। बुधवार दोपहर के समय एक कारीगर चहारदीवारी पर ताकत लगाकर हथौड़ा चला रहा था, लेकिन मशक्कत के बाद टूट रही थी। कारीगर ने कहा कि इतनी मजबूत दीवार है, इस समय ऐसा बन पाना मुश्किल है।
पूर्व मंत्री स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र और संतकबीरनगर के पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी ने कहा कि विरासत गलियारा के सीमांकन में हाता की चहारदीवारी भी जद में आ गई। अंदर नई चहारदीवारी का निर्माण कराकर पुरानी तुड़वाई जा रही है।
सरकार को कोई भी निर्णय लेते समय आमजन का ध्यान जरूर देना चाहिए। धर्मशाला के सभी व्यापारी इस निर्णय से दुखी हैं। बसा बसाया घर-दुकान टूटने के बाद व्यापारियों को भविष्य का खतरा सता रहा है।
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