विपक्षी गठबंधन में फूट की अटकलों पर संजय राउत की सफाई, कहा- सहयोगी दलों में संवाद कायम रखना जरूरी
संजय राउत ने कहा कि अगर सहयोगियों के बीच संवाद बंद हो जाए तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता। सहयोगी दलों के बीच संवाद कायम रखने के लिए जिम्मेदार नेताओं की नियुक्ति की जाए। विपक्षी गठबंधन इंडिया में यह भूमिका कांग्रेस को निभानी चाहिए।
मुंबई (आरएनआई) विपक्षी गठबंधन इंडिया में फूट की अटकलों पर शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने एक बार फिर सफाई दी है। संजय राउत ने कहा कि अगर सहयोगियों के बीच संवाद बंद हो जाए तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता। सहयोगी दलों के बीच संवाद कायम रखने के लिए जिम्मेदार नेताओं की नियुक्ति की जाए। विपक्षी गठबंधन इंडिया में यह भूमिका कांग्रेस को निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन ऐसे मामलों में किसी भी पार्टी को अपने पूर्व या संभावित भावी सहयोगियों को गद्दार नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनीतिक दलों की सामूहिक इच्छा इस देश के राजनीतिक परिदृश्य में आगे बढ़ाने की है। पिछले कुछ दिनों में हमारे कुछ गठबंधन सहयोगियों ने कहा है कि संचार टूट गया है। अगर यह आपसी संवाद टूट जाता है तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन इसलिए टूट गया था, क्योंकि दोनों के बीच संवाद बंद हो गया था। उचित संचार और संवाद की कमी ने सीधे तौर पर गठबंधन के टूटने में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में 30 राजनीतिक दल हैं। इन सभी के बीच संवाद बरकरार रखने के लिए कुछ जिम्मेदार नेताओं को नियुक्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की बैठकों के दौरान उद्धव ठाकरे समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया है।
राउत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इसे आगे बढ़ना चाहिए। गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस सबसे बड़ी जिम्मेदारी निभाती है। कांग्रेस को संवाद कायम रखने की भूमिका निभानी चाहिए। राउत ने कहा कि एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं है। जैसे दिल्ली में आप और कांग्रेस प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। ऐसे ही महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों में एक अलग दृष्टिकोण आवश्यक हो सकता है। ऐसे समय में किसी को भी अपने पूर्व या संभावित भावी सहयोगियों को देशद्रोही करार देने की हद तक नहीं जाना चाहिए। यह उद्धव ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) का रुख है।
इससे पहले संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि गठबंधन में अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलते हैं और इससे संगठनात्मक विकास में बाधा आती है। हम अपनी ताकत के दम पर मुंबई, ठाणे, नागपुर और अन्य नगर निगमों, जिला परिषदों और पंचायतों के चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया और महाविकास अघाड़ी की एकजुटता को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। रविवार को संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहती है। हमने कभी भी विपक्षी गठबंधन इंडिया और महाविकास अघाड़ी को खत्म करने की बात नहीं कही।
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