विधायक और पूर्व विधायक शहर के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभाए
आज शेष सूक्ष्म पानी के श्रोत,कल अतिक्रमण से पानी के श्रोत भी सुख जाएंगे।
गुना (आरएनआई) शहर में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के गंगा जल संवर्धन अभियान के तहत पुरानी योजनाओं को पुनः करके उपयोग हेतु और जलसंवर्धन उक्त बनाने के अभियान को स्थानीय भाजपा विधायक के कार्यकाल में अभियान के रूप में देखने नही मिल रही हैं। जबकि पूर्व में भी ये 5 साल गुना के विधायक रहें हैं। आपको बता दे कि गुना शहर के 37 वार्ड के साथ विधानसभा क्षेत्र में अनेकों पंचायत भी आती हैं, जहा हर साल पानी की दिक्कत रहती हैं। जानकार बताते हैं कि शहर और आसपास कई सैकड़ों कुएं बावड़ी और तालाब दम तोड चुके हैं। शहर के अनेकों वार्डो में कुएं को पाट कर उन पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स,भवन और दुकानें खड़ी हो गई हैं जो कभी शहर में पानी के श्रोत होते थे। अनेकों स्कूलों में भी कुएं पुर कर बंद कर दिए गए हैं।
उल्लेखनीय हैं कि शहर की नगर पालिका में आए सीएमओ और अध्यक्षों की लापरवाहियों से पानी के श्रोत अवेध कब्जे और अवेध निर्माणों से तोड़ चुके हैं दम,
जिला प्रशासन को नगर पालिका के अफसर और पार्षद गण जनहित में उन के स्थान ओर उन्हें पुनः जीवित करने में सहयोग करे तो शहर में वाटर लेवल 50 से 100 फुट में आ जायेगा। वही पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक चाहे तो भुजरियां तालाब,गुनिया नदी, पनरिया नदी, कुस्मोदा नाला, नजूल कॉलोनी नाला से अपने लोगो का कब्जा,अतिक्रमण,झोपड़ी, हटवा कर उसे पुनः विस्तृत रूप दिलवा सकते हैं। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी में आता हैं।
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