विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, आंध्र प्रदेश की पोलावरम परियोजना पर चर्चा के लिए सदन समिति की मांग
ओडिशा विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस सदस्यों ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बांध परियोजना पर सदन समिति के गठन की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्षी पार्टी का दावा है कि इस परियोजना के कारण आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले की बड़ी जमीन जलमग्न हो सकती है।
ओडिशा (आरएनआई) कांग्रेस सदस्यों ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बांध परियोजना पर सदन समिति के गठन की मांग को लेकर ओडिशा विधानसभा में हंगामा किया। पार्टी का दावा है कि इस परियोजना के कारण आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले की बड़ी जमीन जलमग्न हो सकती है। जिससे जिले के गरीब और आदिवासी लोग पीड़ित होंगे। उनकी मांग थी कि सदन समिति बनाकर चर्चा की जाए।
ओडिशा विधान सभा में गुरुवार को हंगामा हो गया। कांग्रेस सदस्यों ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बांध परियोजना पर सदन समिति के गठन की मांग के लिए जमकर हंगामा किया। दरअसल, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता रामचंद्र कदम ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने पोलावरम परियोजना को बढ़ावा देने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना भी की। उनका कहना है कि इस परियोजना के कारण मलकानगिरी जिले की करीब 1400 से 1500 हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो जाएगी। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पोलावरम परियोजना के कारण मलकानगिरी जिले के गरीब और मासूम आदिवासी पीड़ित होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने ओडिशा के प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना आंध्र प्रदेश में सिंचाई परियोजना को बढ़ावा दिया। कांग्रेस नेता ने मांग की कि पोलावरम परियोजना और मलकानगिरी जिले के आदिवासी लोगों पर इसके प्रभाव पर चर्चा के लिए सदन समिति बनाई जाए। पोलावरम परियोजना का प्रतिकूल प्रभाव केवल आदिवासी लोगों पर ही नहीं, बल्कि वन्य जीवों और स्थानीय पर्यावरण पर भी पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि "ओडिशा से चुने गए 20 सांसद और राज्य की डबल इंजन सरकार मलकानगिरी जिले के लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी को खुश करने के लिए केंद्र में अपनी सरकार को बचाने के लिए पोलावरम परियोजना को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र के इस कदम का विरोध करते हुए बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगी। हालांकि, बीजेडी सदस्य उस समय सदन में खामोश रहे, जब कांग्रेस पोलावरम मुद्दे को उठा रही थी। इससे पहले क्षेत्रीय पार्टी के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि "हम पोलावरम मुद्दे में न्याय के लिए लड़ रहे हैं। ओडिशा की वास्तविक शिकायतों को सुलझाए बिना पोलावरम के लिए अधिक धन आवंटित करना ओडिशा के प्रति निष्पक्षता दिखाता है।
हैरानी की बात यह है कि इस दौरान स्पीकर सुरमा पाढ़ी भी चुप रहे। उनकी चुप्पी पर वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य ताराप्रसाद बहिनीपति के नेतृत्व में कांग्रेस के सदस्य सदन के वेल में आकर पोलावरम परियोजना पर सदन की समिति के गठन की मांग की। यही नहीं बहिनीपति ने स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने का प्रयास किया। वहीं कदम सदन में रिपोर्टर की मेज पर खड़े होकर विरोध करते देखे गए। विपक्षी बीजद के सदस्य भी कांग्रेस विधायकों के साथ वेल में आ गए। संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग के उस बयान को हटाने की मांग की, जिसमें उन्होंने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के भाषण के दौरान व्यवधान पैदा करने के आरोप में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक को गिरफ्तार करने की बात कही थी। बीजद के सदस्यों ने सदन के वेल में नारेबाजी की। सदन चलाने में असमर्थ स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले बीजद के सदस्य और पूर्व मंत्री अरुण कुमार साहू ने स्पीकर से राज्यपाल के भाषण के दौरान व्यवधान पैदा करने के आरोप में नवीन पटनायक की गिरफ्तारी जैसे शब्दों को हटाने का आग्रह किया। उन्होंने महालिंग से गिरफ्तारी शब्द को वापस लेने का भी आग्रह किया। अरुण कुमार साहू ने अध्यक्ष से इस संबंध में निर्णय देने की मांग करते हुए कहा, "यदि गिरफ्तारी शब्द को हटाया नहीं जाता है। यदि मंत्री अपना बयान वापस नहीं लेते हैं, तो सरकार में साहस है तो वह नवीन पटनायक को गिरफ्तार करें।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?