NHRC ने जारी की सलाह- विधवाओं के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य के साथ एनजीओ भी मदद करें
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग विधवाओं के कल्याण के लिए सलाह जारी की है। जिसमें विधवाओं को सरकारी आश्रय गृहों का एक डेटाबस बनाने के लिए कहा है। जिससे कि विधवाओं को रहने की व्यवस्था की जा सके।
नई दिल्ली (आरएनआई) एनएचआरसी ने विधवाओं के कल्याण के लिए केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अधिकारियों को सलाह जारी की हैं। आयोग ने सभी सरकारी आश्रय गृहों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की जरूरत पर बल दिया है, ताकि विधवा महिलाएं घर न होने की स्थितियों में वहां रह सके। इसके साथ ही कहा है कि जो विधवाएं पुनर्विवाह या साथी ढूंढना चाहती हैं, उन्हें मुफीद एजेंसियों या गैर सरकारी संगठनों से जोड़ा जाना चाहिए।
आयोग ने सलाह दी कि कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर को भोजन, आश्रय, सम्मान और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित कई कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। आयोग का कहना है कि विधवाओं को जीवनसाथी के खोने, सामाजिक बहिष्कार, आमदनी का नुकसान यहां तक कि घर खोने की वजह से भावनात्मक परेशानियों और ऐसी ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से सभी अधिकारियों को महिला और बाल विकास मंत्रालय और सभी संबंधित राज्य विभागों की वेबसाइटों पर विधवाओं के लिए सरकार संचालित सभी घरों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की सिफारिश की है।
आयोग ने जिले में एक समर्पित विधवा प्रकोष्ठ का गठन करने की भी सलाह दी है। साथ ही सुनिश्चित करे कि सभी आश्रय गृह इसके साथ पंजीकृत हों। सभी विधवाओं के आधार कार्ड बनाए जाने चाहिए और उन्हें उचित पहचान पत्र दिए जाने चाहिए। सभी विधवाओं के पास प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत एक निजी बैंक खाता हो। उन्हें कानूनी मदद देने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए। उन्हें वित्तीय साक्षरता सहित कम से कम बुनियादी साक्षरता देने के लिए एनआईएलपी जैसे शिक्षा कार्यक्रमों में नामांकित करने की कोशिश भी की जानी चाहिए।
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