विदेशी छात्रों की कानूनी मान्यता खत्म करेगा ट्रंप प्रशासन; अमेरिकी सरकार ने कोर्ट को बताई पूरी योजना
मार्च के अंत से अब तक 170 से ज्यादा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों छात्रों के वीजा या कानूनी स्थिति को खत्म कर दिया गया था। इसे लेकर तमाम छात्रों ने अदालत में मुकदमे दायर किए हैं। इसके जवाब में सरकार ने अदालत को नई नीति की जानकारी दी।

वॉशिंगटन (आरएनआई) ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों की कानूनी मान्यता को समाप्त करने का एलान किया है। हाल ही में छात्रों के वीजा रद्द किए जाने के मामलों के बाद अमेरिका सरकार ने संघीय अदालत को नई नीति की पूरी जानकारी कोर्ट को दी।
मार्च के अंत से अब तक 170 से ज्यादा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों छात्रों के वीजा या कानूनी स्थिति को खत्म कर दिया गया था। इसे लेकर तमाम छात्रों ने अदालत में मुकदमे दायर किए हैं। छात्रों का आरोप है कि उन्हें न तो कोई चेतावनी दी गई, न ही सफाई का मौका मिला। सरकार की कार्रवाई के बाद कुछ छात्र आव्रजन अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने के डर से छिप गए या अपनी पढ़ाई छोड़कर घर लौट गए।
कानूनी मान्यता रद्द करने के विरोध में अदालत पहुंचे छात्र अक्षर पटेल के मामले में अदालत में सरकार ने अपनी नई नीति की जानकारी दी। अक्षर पटेल टेक्सास में सूचना प्रणाली का अध्ययन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं। पटेल की कानूनी स्थिति इस महीने समाप्त कर दी गई थी और फिर बहाल कर दी गई। निर्वासन बचने के लिए उन्होंने प्रारंभिक अदालती फैसले की मांग की थी।
कोर्ट में अधिकारियों ने कहा कि सरकार नई नीति के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कानूनी स्थिति को बहाल कर रही है। नीति में छात्रों की कानूनी स्थिति को रद्द करने के कई कारण बताए गए हैं। इसमें उनके वीजा को रद्द करना भी शामिल है।
होमलैंड सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने छात्र वीजा धारकों के नामों की जांच राष्ट्रीय अपराध सूचना केंद्र से की है। यह एफबीआई का डाटाबेस है जिसमें अपराधों से संबंधित तमाम जानकारी हैं। इसमें संदिग्धों, लापता व्यक्तियों और गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम शामिल हैं, भले ही उन पर कभी कोई अपराध का आरोप न लगाया गया हो या उन पर से आरोप हटा दिए गए हों। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के आंद्रे वॉटसन ने कहा कि पटेल वैध रूप से अमेरिका में मौजूद हैं। उन्हें तत्काल हिरासत में लेने या हटाने की आवश्यकता नहीं है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अमेरिकी जिला न्यायाधीश एना रेयेस ने कहा कि डाटाबेस सर्च में कुल मिलाकर लगभग 6,400 छात्रों की पहचान की गई। इसमें एक स्प्रेडशीट में 734 छात्रों के नाम हैं। यह स्प्रेडशीट होमलैंड सिक्योरिटी अधिकारियों को भेजी गई थी। इस पर होमलैंड सिक्योरिटी अधिकारियों ने छात्रों का कानूनी दर्जा समाप्त करने के निर्देश दिए।
जज रेयेस ने कहा कि कम समय सीमा से पता चलता है कि किसी ने भी व्यक्तिगत रूप से रिकॉर्ड की समीक्षा नहीं की है ताकि पता लगाया जा सके कि छात्रों के नाम एनसीआईसी में क्यों आए? अगर कोई व्यक्ति थोड़ा भी सचेत होता तो यह सब टाला जा सकता था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस देश में आने वाले व्यक्तियों के प्रति चिंता की कमी दिखाई है। रेयेस ने प्रारंभिक निषेधाज्ञा जारी करने से इनकार कर दिया तथा दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि वे समझौता कर लें, ताकि अक्षर पटेल अमेरिका में रह सकें।
सरकार की कार्रवाई का सामना कर रहे छात्रों ने नई नीति का विरोध किया है। छात्रों के वकील ब्रैड बैनियास ने कहा कि नए दिशानिर्देश आईसीई के अधिकार को पिछली नीति से कहीं अधिक विस्तृत करते हैं। अब उन्हें विदेश विभाग से वीजा रद्द करवाने और फिर उन छात्रों को निर्वासित करने की पूरी छूट मिल गई, भले ही उन्होंने कुछ भी गलत न किया हो।
छात्र अक्षर पटेल के वकील ने कहा कि जब कॉलेजों को पता चला कि छात्रों की कानूनी मान्यता समाप्त हो गई है, तो भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। पहले जब कॉलेज सरकार को यह बता देती थी कि छात्र अब स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं तो कानूनी स्थिति को अपडेट कर दिया जाता था। मगर अब ऐसा नहीं किया जा रहा है।
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