विक्रय निषेध सरकारी जमीन की हो गई बिक्री, नामांतरण कलेक्टर को की शिकायत, जांच के दौरान फरियादी को रजिस्टार ऑफिस ने दी जानकारी
गुना (आरएनआई) गुना की बिलोनिया में विक्रय निषेध जमीन का विक्रय और नामांतरण होने की शिकायत कलेक्टर को पत्रकार नवीन मोदी और अन्य ने करते हुए जमीन को शासकीय घोषित करने कि मांग की थी। जिसकी जांच तहसीलदार ग्रामीण को सौंपी गई, तहसीलदार म्याना उमरी सर्किल ने जांच की ही जिसमे जमीन में विक्रय के उपरांत जमीन पर खेती करना भी पाया गया जिसका पंचनामा भी बनाया गया। इस दोरान विक्रय निषेध भूमि के विक्रय प्रकरण में प्रतिवादीओ के अधिवक्ता ने कमिश्नर का आदेश की कॉपी प्रस्तुत की। जब इसकी फरियादी के अधिवक्ता ने परीक्षण किया तो कमिश्नर के आदेश में तारीख को सुधार और रजिस्ट्री में अलग अलग तारीख के स्टांप से रजिस्ट्री होना पाया। वही विक्रय निषेध भूमि की रजिस्ट्री पहिले हो गई वही उसमे कमिश्नर का आदेश बाद में होना पाया गया। इस प्रकार मुख्तियार नामा भी संदिग्ध प्रतीत होता हैं। इस प्रकार कमिश्नर का आदेश प्रथम दृष्टि फर्जी सिद्ध होता हैं। अतः बिलोनिया की सरकारी विक्रय निषेध की भूमि का विक्रय और रजिस्ट्री,नामांतरण को लेकर रजिस्टार ऑफिस में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से सामने आई।
उक्त जानकारी फरियादी नवीन मोदी के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह यादव ने देते हुए लगभग 30 बीघा जमीन सरकारी किए जाने की बात कही। वही तहसीलदार ने 2022 में अपनी एक रिपोर्ट में उक्त जमीन को विक्रय निषेध भूमि दर्शाते हुए अपनी रिपोर्ट पेश की हैं।
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