विकास के लिए एक राष्ट्र-एक चुनाव जरूरी : अध्यक्ष, एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर भाजपा ने की पत्रकार वार्ता

गुना (आरएनआई) एक राष्ट्र-एक चुनाव लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी जिला गुना द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता स्थानीय सर्किट हाउस गुना में संपन्न हुई। उक्त पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष ने एक राष्ट्र एक चुनाव के जिला संयोजक एडवोकेट हरिसिंह यादव, सह संयोजक रविंद्र सिंह रघुवंशी टिल्लू, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली मुख्य रूप से उपस्थित रहे। पत्रकार वार्ता पर प्रकाश डालते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए एक राष्ट्र-एक चुनाव जरूरी है। भारत में सभी राजनीतिक दलों को हर समय चुनाव के लिए तैयार रहना पड़ता है जिससे समय और धन की बर्बादी होती है। विकास परियोजनाएं भी रुकती हैं और प्रशासनिक अमला व्यस्त रहता है। इन सब समस्याओं से निजात पाने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम जनता को अपनी सहमति जतानी चाहिए। अध्यक्ष ने कहा कि एक देश एक चुनाव से देश का पैसा और ऊर्जा सही जगह पर लगेगा तो देश का विकास और अधिक गति से होगा। एक राष्ट्र-एक चुनाव का मुद्दा जन आंदोलन बनेगा। जिला संयोजक श्री यादव ने कहा कि एक देश एक चुनाव कराए जाना राष्ट्रहित के लिए अति आवश्यक है यह सोच पहले से ही हो जाना चाहिए थी की एक साथ अगर चुनाव होते हैं और नया कानून बनता है तो इससे खर्च की संभावना बहुत कम होगी और इसके प्रति मतदाताओं को जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि बार-बार चुनाव होने से आर्थिक स्थिति पर भी बोझ पड़ता है। जिसमें आमजन की अपनी राय हस्ताक्षर के माध्यम से भारत की महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी को प्रेषित कराया जा रहा हे।
एक राष्ट्र, एक चुनाव भारत सरकार द्वारा देश में सभी एक ही दिन या एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर विचाराधीन एक प्रस्ताव है , जिसका उद्देश्य चुनाव लागत में कटौती करना है। [ 1 ] [ 2 ] इसके सबसे उल्लेखनीय प्रस्तावों में से एक लोकसभा और सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है । [ 3 ] यह विधेयक 17 दिसंबर 2024 को भारतीय संसद की लोकसभा में पेश किया गया था ।
भारत की स्वतंत्रता के बाद के कुछ आम चुनाव राज्य विधानसभा चुनावों के साथ-साथ आयोजित किए गए थे। हालांकि यह प्रथा 1967 तक जारी रही, लेकिन कुछ राज्य विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण 1968 और 1969 में एक साथ चुनाव की प्रणाली बाधित हुई। [ 4 ] 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर बहुत सजग हे। वह उस समय से जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे , एक साथ चुनावों का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे जनता के पैसे की बर्बादी कम होगी और विकास कार्यों का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित होगा, जो अन्यथा आदर्श आचार संहिता लागू होने पर रुक जाता है। अंत में जिला मिडिया प्रभारी विकास जैन ने सभी का आभार जताया।
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