वायु और जल की गुणवत्ता जांचने के विभिन्न तरीकों पर हुआ व्याख्यान
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग में कुलपति प्रो. वंदना सिंह के प्रेरणा से एम.एससी. के विद्यार्थियों द्वारा संचालित केमिकल कम्युनिकेशन सोसायटी द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस पर वॉटर एवं एयर टेस्टिंग विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया I
इस कार्यक्रम में आई टी एस लेबोरेट्रीज, नोएडा के निदेशक राजेश कुमार सिंह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे I संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ने बताया कि वायु के गुणवत्ता को कुल बारह मापदंडों पर मापा जाता है तथा वायु में पीएम 10 की मात्रा में अधिक बढ़ोत्तरी होने से मनुष्य की औसत आयु में पाँच से छह वर्षो की गिरावट आ रही है तथा पीएम 10 की वायुमंडल में अधिकता मनुष्य मे कैंसर होने की मुख्य वजहों मे से एक हैं।
विद्यार्थियों के साथ वॉटर टेस्टिंग के विभिन्न तरीकों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि पेयजल को मुख्यतः रंग, गंध और स्वाद के आधार पर विश्लेषित किया जाता है। उन्होंने बताया की फील्ड टेस्ट किट्स पानी की क्वालिटी जांचने के लिए एक तरह का किट है, इस किट्स के जरिए पानी में मौजूद आर्सेनिक, हानिकारक बैक्टीरिया, रासायनिक अशुद्धियां, एलिमेंट्स, पार्टिकल्स आदि का पता लगाया जा सकता है, फील्ड टेस्ट किट्स (FTK) की मदद से पानी की जांच आसानी से किया जा सकता है। आरओ वॉटर के अधिकाधिक उपभोग के दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए कहा कि बाजार में आज कल मिलने वाले 99 प्रतिशत आरओ पेयजल अम्लीय प्रकृति के हैं और उसमे खनिज तत्वों का स्थान कार्बन डाई आक्साइड ने ले रखा है। अम्लीय आरओ जल का लंबे समय तक सेवन स्वास्थ के लिए नुकसानदायक है।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार ने विश्लेषणात्मक रसायन के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी का संचालन केमिकल कम्युनिकेशन सोसाइटी के सचिव व एमएससी के छात्र हर्ष प्रताप सिंह ने किया । धन्यवाद ज्ञापन एमएससी की छात्रा सुचिता मिश्रा ने किया। इस अवसर पर रसायन विभाग के डॉ. अजीत सिंह, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. दिनेश वर्मा, छात्र, मंजीत गुप्ता, आदित्य सिंह, सुशील मिश्रा, आकाश सेठ, अमृता मिश्रा, मोहित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे I मन
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