वायनाड में लोगों की जान बचाने और राहत-बचाव कार्यों में मदद कर रहा रेडियो स्टेशन
वायनाड के पहाड़ी क्षेत्र में विनाशकारी भूस्खलन की तबाही के बाद हैम रेडियो के एक समूह ने चुनौती स्वीकार की और एक महत्वपूर्ण संचार नेटवर्क स्थापित किया, जिसने लोगों की जान बचाने और बचाव प्रयासों को सुविधाजनक बनाने में मदद की है।
वायनाड (आरएनआई) वायनाड में भूस्खलन के बाद चल रहे राहत-बचाव कार्य में संचार व्यवस्था को स्थापित करना एक अहम चुनौती थी, जिसे हैम रेडियो के एक समूह ने स्वीकार करते हुए संचार नेटवर्क स्थापित किया है। जिसकी मदद से लोगों की जान बचाने के प्रयासों में सुविधा मिल रही है।
कलपेट्टा में जिला कलेक्टर के कार्यालय के भूतल पर स्वयंसेवी ऑपरेटरों की तरफ से स्थापित शौकिया रेडियो प्रणाली प्रभावित समुदायों और अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रही है, जिससे बचाव प्रयासों और राहत कार्यों में मदद मिल रही है। शनिवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, कि स्थिति बहुत खराब थी, मोबाइल फोन सेवाएं बहुत सीमित सीमा तक ही उपलब्ध थीं।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिला कलेक्टर डी. आर. मेघश्री ने हैम रेडियो ऑपरेटरों से संपर्क किया और उन्होंने संचार की लाइनें खुली रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्टेशन को संचालित करने के लिए रिसीवर, एम्पलीफायर, लॉगिंग और डिजिटल मॉड्यूलेशन के लिए कंप्यूटर और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
हैम रेडियो ऑपरेटर आपदा क्षेत्र से हैम रेडियो ट्रांसमीटर के माध्यम से स्टेशन तक सूचना प्रसारित करते हैं। अंबालावायल पोनमुडी कोट्टा में स्थापित एक रिपीटर हैम रेडियो संचार की सुविधा प्रदान करता है। रिपीटर को सुल्तान बाथरी डीएक्स एसोसिएशन, एक हैम रेडियो ऑपरेटरों के संगठन की तरफ से स्थापित किया गया था। सुल्तान बाथरी डीएक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सबू मैथ्यू और सुल्तान बाथरी सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ हैम रेडियो ऑपरेटर और पैथोलॉजिस्ट डॉ अब्राहम जैकब के नेतृत्व में हैम रेडियो ऑपरेटर यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं कि आपदा क्षेत्र से सूचना समय पर अधिकारियों तक पहुंचे।
जिला अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अंबालावायल पोनमुडी कोट्टा में एक रिपीटर स्थापित किया है, जिससे हम प्रभावित क्षेत्रों तक अपनी कवरेज बढ़ा पाए हैं। जानकारी के मुताबिक ऑपरेटर प्रत्येक बचाव दल के साथ हैं और जमीनी स्थिति पर वास्तविक समय की अपडेट प्रदान कर रहे हैं। बचाव प्रयासों के समन्वय में हैम रेडियो ऑपरेटरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, मुंदक्कई पहुंचने वाली पहली बचाव टीम ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए उनकी मदद मांगी थी।
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