वायनाड में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे राहुल गांधी और प्रियंका, लैंडस्लाइड पीड़ितों से कर रहे हैं मुलाकात
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड पहुंच गए हैं। वायनाड में भीषण लैंडस्लाइड की वजह से अभी तक 456 लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं।
वायनाड (आरएनआई) कांग्रेस नेता एवं वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज केरल पहुंचे। दोनों नेता वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं। यहां लैंडस्लाइड की वजह से चार गांव पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और अभी तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सुबह 9.30 बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे। पार्टी महासचिव एवं अलप्पुझा से सांसद के सी वेणुगोपाल भी उनके साथ हैं।
पार्टी द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम के अनुसार राहुल और प्रियंका चूरलमाला भूस्खलन स्थल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी में दो राहत शिविरों का दौरा करेंगे।
गांधी ने 2019 में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था और इस साल फिर यहां से उन्होंने जीत हासिल की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में रायबरेली लोकसभा सीट से भी जीत हासिल की है, इसलिए उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया है। इस सीट पर उपचुनाव होने पर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
वायनाड से आ रही तस्वीरें वहां मची तबाही की कहानी बयां कर रही हैं। इन् तस्वीरों ने केरल ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन गई। रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई।
बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए। कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए। सैलाब के रास्ते में जो आया बहता चला गया। पेड़ तक जड़ से उखड़ते चले गये। बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए। कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए।
इस भारतीय सेना ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान तेज कर दिया है। मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान (एचएडीआर) के तहत भारतीय सेना ने वायनाड में विनाशकारी भूस्खलनों के बाद फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। चिकित्सा कर्मचारियों सहित लगभग 500 कर्मियों को तैनात किया गया है।
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